दरभंगा :जिले में बेमौसम बारिश की वजह से ईंट उद्योग को लाखो रुपये का नुकसान हुआ है. ज्यादातर भट्ठों पर पकने के लिए तैयार कच्ची ईंट बारिश के पानी में गलकर खराब हो गई है. ऐसे में ईंटों के नुकसान होने से नए सिरे से ईंट का निर्माण और मजदूरी भुगतान के लिए राशि की व्यवस्था करना भट्ठा मालिकों के लिए मुश्किल हो गया है. जिले के दो सौ से अधिक ईंट भट्ठों पर काम करने वाले हजारों मजदूरों इन दिनों कोरोना और बारिश जैसी आफत से जूझ रहे हैं.
दरभंगा में बेमौसम बारिश ने तोड़ी ईंट उद्योग की कमर - brick industry
दरभंगा जिला ईट उद्योग संघ के महासचिव चंदन सिंह ने कहा कि यहां पर 250 से अधिक ईंट भट्ठ है. हर ईंट भट्ठे पर 8 से लेकर 9 लाख तक कच्चे ईंट गले हैं. एक कच्ची ईंट की कीमत दो रूपये तक की होती है. इस तरह से प्रति भट्ठे 15 से 16 लाख रुपया का नुकसान हुआ है.
बारिश ने ईंट उद्योग पर फेरा पानी
पिछले दो महीने से मौसम की मार झेल रहे ईंट भट्ठा मालिकों को ईंट के व्यवसाय में लगातार घाटा झेलना पड़ रहा है. इस वर्ष जब से पथाई का काम शुरू हुआ है, तब से लगातार प्राकृतिक कोप का भाजन बनना पड़ा है. ईंट भट्ठा पर बने लाखों कच्ची ईंट बारिश की भेंट चढ़कर मिट्टी बन गई हैं. क्योकि कच्ची ईंटों को खुले में सूखने के लिए रखा गया था. सूखने के बाद उसे चेंबर में डालकर पकाया जाता है, लेकिन अचानक आई वर्षा ने किए कराये पर पानी फेर दिया है.
करीब 35 करोड़ रूपये का हुआ नुकसान
दरभंगा जिला ईट उद्योग संघ के महासचिव चन्दन सिंह ने कहा कि यहां पर 250 से अधिक ईट भट्ठा है. हर भट्ठे पर 8 से लेकर 9 लाख तक कच्ची ईंट गल गई हैं. एक कच्ची ईंट की कीमत दो रूपये तक की होती है. इस तरह से प्रति भट्ठे 15 से 16 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. अगर पूरे जिले की बात करें तो 30 से 35 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है. वहीं, उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान करीब एक महीना भट्ठ बंद रहा है और एक महीना में हमलोग करीब 15 लाख ईंट पकाते हैं.