दरभंगा: कोरोनामहामारी की दूसरी लहर देशभर में कहर बरपा रही है. मेडिकल सुविधाओं का आज जैसा अभाव पहले शायद ही भारत ने देखा होगा. ऐसे में भारत में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति जैसे आयुर्वेद और होम्योपैथी की दवाएं कोरोना की रोकथाम में बेहद कारगर साबित हो रही हैं.
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'एबी फार्मूला' से हारेगा कोरोना?
दरभंगा के 83 वर्षीय होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. मुचकुंद मल्लिक ने होम्योपैथी में 'एबी फार्मूला' नाम से कोरोना की रोकथाम के लिए एक दवा बनाई है. उनकी इस दवा से महाराष्ट्र और पंजाब-हरियाणा समेत देश के कई इलाकों के लोगों को फायदा हो रहा है. डॉ. मुचकुंद मल्लिक अपनी पेंशन के पैसे से यह दवा बनाकर लोगों के बीच पिछले एक साल से मुफ्त में बांट रहे हैं.
'पिछले साल जब कोरोना की शुरुआत हुई थी, तो चीन से आए लोगों से बात कर इस बीमारी का अध्ययन किया था. पूरी दुनिया में 1918 में स्पेनिश इनफ्लूएंजा नाम की महामारी फैली थी जिसकी वजह से भारत में 60 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे. कोरोना के लक्षण स्पेनिश इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं. इसी को आधार मानकर मैंने रिसर्च शुरू किया.'- डॉ. मुचकुंद मल्लिक, होम्योपैथिक चिकित्सक
होम्योपैथिक चिकित्सक मुचकुंद मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा यह भी पढ़ें-कोरोना महामारी को लेकर पटना HC सख्त, राज्य सरकार की रिपोर्ट पर जताया असंतोष
'करीब 6 महीने से मैं और मेरा पूरा परिवार डॉ. मुचकुंद मल्लिक की दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनकी दवा कारगर है और सभी लोग कोरोना के संक्रमण से अब तक बचे हुए हैं.'- संजय कुमार, स्थानीय
मुफ्त बांटी जा रही दवा
मल्लिक अब तक दरभंगा और मधुबनी के हजारों लोगों को यह दवा बांट चुके हैं. डॉ. मुचकुंद मल्लिक की दवा का नियमित रूप से इस्तेमाल करने वाले लोगों ने बताया कि यह दवा कारगर साबित हो रही है और इसकी वजह से वे कोरोना के संक्रमण से बचे हुए हैं.
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना की रोकथाम में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति जैसे होम्योपैथी और आयुर्वेद को कारगर माना है. आयुष मंत्रालय की लिस्ट में आर्सेनिक एल्बम का नाम शामिल है जो डॉ. मुचकुंद मल्लिक के 'एबी फार्मूला' का एक मुख्य कंपोनेंट है.
'पिछले एक साल से डॉक्टर मुचकुंद मल्लिक की दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. डॉ. मल्लिक अपनी पेंशन के पैसे से यह दवा बनाते हैं और इसे मुफ्त में लोगों को बांटते हैं. यह दवा महामारी की रोकथाम में काफी कारगर साबित हो रही है.'-राकेश कुमार, स्थानीय
'हैनीमैन की किताब में महामारी के इलाज के लिए 'बेलाडौना (BELLADONNA)' का जिक्र मिलता है. आर्सेनिक एल्बम को पहले से ही संक्रामक बीमारियों के इलाज में कारगर माना गया है और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी इसे अपनी लिस्ट में शामिल किया है. इसी आधार पर आर्सेनिक एल्बम और बेलाडौना को होम्योपैथी की एक दवा के रूप में 'एबी फार्मूला' के नाम से ईजाद किया है.'- डॉ. मुचकुंद मल्लिक, होम्योपैथिक चिकित्सक
अनौपचारिक रूप से सेना ने भी दी मान्यता
डॉक्टर मुचकुंद ने बताया कि महाराष्ट्र के सैकड़ों फौजियों और उनके परिवारों ने उनकी एबी फार्मूला की दवा का इस्तेमाल किया और इससे कोरोना से उबरने में उन्हें मदद मिली. उन्होंने कहा कि उनकी दवा को अनऑफिशियली सेना ने भी मान्यता दी है. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि पटना के एक दर्जन लोग जो कोरोना से संक्रमित थे, उन्होंने उनकी दवा का इस्तेमाल किया और स्वस्थ हुए.
'पेशे से शिक्षक हैं और डॉ. मुचकुंद मल्लिक की दवा का पिछले साल से ही इस्तेमाल कर रहे हैं. परिवार में सभी लोग इस दवा का इस्तेमाल करते हैं जिसकी वजह से अब तक कोई परेशानी नहीं हुई है. डॉ मुचकुंद मल्लिक की दवा का ज्यादा से ज्यादा लोगों में प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए.'- नवीन कुमार दत्त, स्थानीय
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