बिहार

bihar

ETV Bharat / state

सड़क पर उतरे माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक, 'वेतन नहीं तो नोटा' का नारा किया बुलंद

शिक्षकों को परीक्षाफल के आधार पर अनुदान दिया जाता है. यानि सरकारी शिक्षक प्राइवेट व्यव्हार की मार झेल रहे हैं. उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 2020 के विधानसभा चुनाव में भी नोटा दबाया जाएगा.

शिक्षक रैली

By

Published : Apr 24, 2019, 8:03 PM IST

दरभंगा:जिले में बुधवार को माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की ओर से सरकार के विरोध में बाइक रैली निकाली गई. इन शिक्षकों की मांग है कि इनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए. साथ ही स्कूलों को मान्यता भी दी जाए.
इन शिक्षाकर्मियों ने चौथे चरण के निर्वाचन क्षेत्र दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से रैली निकाली. यह रैली जिले के कई पोषक विद्यालय होते हुए कर्पूरी चौक पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गई.

हाथ में बैनर लेकर किया प्रदर्शन
रैली के दौरान शिक्षाकर्मी हाथों में बैनर, तख्ती, झंडा लिए दिखे. इन्होंने 'वेतन नहीं तो नोटा', 'शिक्षाकर्मियों ने ठाना है, नोटा पर बटन दबाना है' जैसे स्लोगन एवं नारों के साथ सरकार के प्रति अपना विरोध जताया.

आक्रोशित शिक्षक

यह है शिक्षकों की मांग
प्रांतीय सचिव राजकिशोर प्रसाद साधु ने कहा कि इस प्रदर्शन का मुख्य कारण सरकार की अनदेखी है. गौरतलब है कि 715 प्रस्वीकृत एवं स्थापना की अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों 35 वर्षों से राज्य में संचालित है. जहां से प्रतिवर्ष वर्ग 9वीं और 10वीं में लगभग 9 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. जिन्हें सभी सरकारी सुविधा मिलती है. लेकिन, शिक्षकों को परीक्षाफल के आधार पर अनुदान दिया जाता है. यानि सरकारी शिक्षक प्राइवेट व्यव्हार की मार झेल रहे हैं. अपनी मांगों को सरकार एवं राजनीतिक दल पहुंचाने के लिए लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पंचायत, नगर पंचायतों और पोषक क्षेत्रों में रैली निकालने का सोचा था. उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर हमलोगों की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 2020 के विधानसभा चुनाव में भी नोटा का बटन दबाया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details