दरभंगा: कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए 14 अप्रैल तक देश में लॉक डाउन लगाया गया है. लॉक डाउन के कारण पशुपालकों के सामने उनके चारा और दूध की बिक्री की समस्या खड़ी हो गई है. आलम ये है कि चारा की किल्लत झेल रहे पशुपालकों को समुचित कीमत पर चोकर और पशु आहार भी नहीं मिल रहा है. वहीं, लॉक डाउन के कारण सबसे बड़ी समस्या दूध बिक्री की हो गई है. बाजारों में दुकान बंद होने के कारण पशुपालकों तक दूध कारोबारियों ने आना बंद कर दिया है.
लॉकडाउन के कारण पशुपालकों की बढ़ी परेशानी, मवेशियों को चारा नहीं हो रहा नसीब
लॉक डाउन के कारण पशुपालकों की समस्या बढ़ती जा रही है. एक ओर जहां बाजारों में चारा नहीं मिल रहा है. वहीं, दूसरी ओर दूध की बिक्री भी नहीं हो रही है.
पशुपालक परशुराम यादव ने बताया कि बाजारों की दुकानें बंद रहने के कारण दूध की बिक्री की समस्या बनी हुई है. पहले दूध कारोबारी हमलोगों का दूध लेकर बाजार की दुकानें और होटल में बेचकर हमलोगों को पैसा देने का काम करता था. लेकिन बाजार बंद होने के कारण वे लोग भी नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके चलते मवेशियों को दाना और चोकर देना कठिन हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि बताया कि इन दिनों लगन में दूध का फला-फूला कारोबार होता था. कोरोना के कारण आलम ये है कि दूध के खरीददारों के इंतजार में समय पार हो रहा है.
दोहरी मार झेल रहे पशुपालक
वहीं, पशुपालक राम सेवक का कहना है कि लॉक डाउन के कारण उनपर दोहरी मार पड़ रही है. इस लॉक डाउन के कारण सबसे अधिक पशु के चारे की व्यवस्था करने में भी काफी परेशानियां हो रही है. जिनके पास खेती है, उनका तो काम चला रहा हैं. लेकिन बहुत सारे ऐसे पशुपालक हैं. जिनकी खेती नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें अधिक परेशानी हो रही है. पशुपालक ने कहा की सबसे बड़ी समस्या ये है की संक्रमण के भय से अधिकतर लोगों ने दूध लेना बंद कर दिया है.