दरभंगा:एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी. कोरोना महामारी की वजह से भारी संकट झेल रहे देश की अर्थव्यवस्था को इस बजट से गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, केंद्रीय बजट से बिहार और मिथिलांचल के लोगों सहित खासतौर पर व्यवसायियों को भी खासी उम्मीदें हैं.
केंद्रीय बजट से मिथिलांचल के लोगों की क्या उम्मीदें हैं? वो केंद्रीय वित्त मंत्री से क्या मांग करते हैं? इसको लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्रमंडलीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पवन सुरेका से खास बात की.
"कोरोना की वजह से व्यवसायियों पर भारी मार पड़ी है और वो अब तक इससे उबर नहीं सके हैं. व्यवसायी केंद्रीय वित्त मंत्री से वे मांग करेंगे कि कोरोना काल के दौरान व्यवसायियों ने उद्योग-धंधे चौपट रहने के बावजूद जो जीएसटी जमा किया है, उसका एक हिस्सा उन्हें वापस किया जाए ताकि वो अपने उद्योग-धंधों को पटरी पर ला सकें."- पवन सुरेका, अध्यक्ष, प्रमंडलीय चैंबर ऑफ कॉमर्स
जीएसटी का हो एक टैक्स
इसके अलावा पवन सूरेका ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग करते हुए कहा कि देश भर में जीएसटी का एक ही टैक्स होना चाहिए. फिलहाल जीएसटी के तहत 4 तरह के टैक्स हैं. इससे व्यवसायियों को परेशानी होती है. जीएसटी लागू करते समय यह कहा गया था कि जीएसटी सरल है, लेकिन बाद में अलग-अलग तरह के टैक्स इसमें जोड़ दिए गए, जिससे व्यापारियों को काफी परेशानी होती है.
एनएच पर के किनारे हो शौचालय का निर्माण
इस केंद्रीय बजट में दूसरे राज्यों की तरह बिहार के नेशनल हाईवे के किनारे भी एक निर्धारित दूरी पर बढ़िया शौचालय को निर्माण का प्रावधान किया जाए. वहीं, मिथिलांचल को दो भागों में जोड़ने वाला सुपौल का भपटियाही पुल बनकर तैयार हो चुका है. इस रेल पुल पर जल्द ट्रेनों का परिचालन शुरू होना चाहिए और दरभंगा से सहरसा के लिए ट्रेन सेवा बहाल की जानी चाहिए जो कई दशकों से बंद है.
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नई रेल लाइन सर्वे को मिले मंजूरी
पवन सुरेका ने केंद्रीय वित्त मंत्री से दरभंगा-सिलीगुड़ी नई रेल लाइन के सर्वे को भी मंजूरी देने की मांग की है. उन्होंने कहा के दरभंगा से ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर सड़क के माध्यम से छह-साढ़े छह घंटे में सिलीगुड़ी पहुंचा जा सकता है, लेकिन अगर ट्रेन से जाना हो तो ये सफर काफी लंबा होता है. इसलिए इस बजट में दरभंगा-सिलीगुड़ी नई रेल लाइन के सर्वेक्षण को मंजूरी दी जाए ताकि बंगाल और बिहार के बीच व्यापार करने वाले व्यवसायियों और आम लोगों को यात्रा करने में सुविधा हो.