दरभंगा: बिहार मेंमानसून (Monsoon) की दस्तक के साथ ही कोसी नदी (Kosi River)का जलस्तर काफी बढ़ गया है. लगातार हो रही बारिश की वजह से कोसी नदी का पानी किरतपुर प्रखंड (Kiratpur Block) के कई गांवों को चपेट में ले लिया है.
वहीं, रास्तों के डूब जाने के कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. नाव ही यहां आने-जाने का एकमात्र सहारा है. लोगों को पशु चारा और जलावन की दिक्कत हो रही है. इस इलाके में मूंग और मक्के की फसल पहले ही डूब कर बर्बाद हो चुकी है.
यह भी पढ़ें -उफान के साथ फिर डराने लगी हैं नदियां, कृष्णा और एनआईटी घाट का बढ़ा जलस्तर
गांव से पलायन को मजबूर
स्थानीय अशोक कुमार ने बताया कि उनका गांव मनिका कोसी नदी (Kosi River) की डूब क्षेत्र में पड़ता है. उन्होंने कहा कि वे अपना ट्रैक्टर नाव पर लादकर नदी की दूसरी ओर लेकर आए हैं. इसके लिए उन्हें 1 हजार रुपये भाड़ा चुकाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि अगले 3 महीने तक वे इसी इलाके में रहेंगे और खेतों की जुताई करेंगे. बाढ़ बीतने के बाद ही वे अपने गांव लौटेंगे.
नावों की व्यवस्था करने की मांग
किसान अवध बिहारी यादव (Farmer Avadh Bihari Yadav) ने बताया कि कोसी नदी की पानी में अधिकतर रास्ते डूब चुके हैं. इसकी वजह से उन लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है. नाव ही उन लोगों के आवागमन का एकमात्र सहारा है. उन्होंने कहा कि कम नाव होने से एक ही नाव पर ज्यादा लोग लदकर आ-जा रहे हैं. उन्होंने ज्यादा नावों की व्यवस्था करने की मांग प्रशासन से की.
सरकारी नावों की तैनाती
किरतपुर अंचल के कई गांव में पानी में डूब गए हैं लेकिन सीओ सुधीर कुमार (CO Sudhir Kumar) को कही बाढ़ की स्थिति नहीं दिख रही है. ईटीवी भारत के सवालों पर उन्होंने कहा कि उनके अंचल यानी किरतपुर में बाढ़ की स्थिति नहीं है. बाढ़ पूर्व सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. अंचल क्षेत्र में 29 सरकारी नावों की तैनाती की गई है.
"जिन किसानों की फसल डूबी हैं. उनकी रिपोर्ट प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को भेज दी है. वहीं, बाढ़ के दौरान पिछले साल जिन स्कूलों में कम्युनिटी किचन बनाए गए थे. उन्हीं स्कूलों को फिर चुना गया है. बाढ़ आने पर वहीं कम्युनिटी किचन बनाए जाएंगे जहां से बाढ़ पीडितों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा."- सुधीर कुमार, सीओ, किरतपुर