दरभंगा: जिले के 18 प्रखंडों में से 14 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. लाखों की आबादी बाढ़ का दंश झेल रही है. गांवों का प्रखंड, जिला और मुख्य सड़क से संपर्क टूट चुका है. नाव की कमी की वजह से लोग जहां के तहां फंसे हुए हैं. यातायात पूरी तरह से बाधित है. वहीं, सरकार के उदासीन रवैये से लोगों में खासी नाराजगी है.
ऐसे में एनडीआरएफ की बोट ही लोगों का सहारा है. लोगों के बचाव और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने की जिम्मेदारी एनडीआरएफ की है. सैकड़ों लोग सड़क के किनारे खड़े होकर नाव का इंतजार करते हैं. एनडीआरएफ की टीम एक-एक कर फंसे लोगों को बोट के सहारे निकाल रही है. दवाएं और जरूरी सामान खरीदने के लिये उन्हें ऊंचे स्थान तक ले जाया जा रहा है.
सरकार के उदासीन रवैये से लोगों में नाराजगी
बाढ़ प्रभावित लोगों ने बताया कि कई गांवों के लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. प्रशासन ने पर्याप्त नाव की व्यवस्था नहीं की है. राहत की सामग्री भी उन तक पहुंचाई नहीं जा रही है. बीडीओ और सीओ तो बाढ़ प्रभावित इलाके में आए, लेकिन मदद करने के बजाय आश्वासन देकर ही चले गए. ऐसे में एनडीआरएफ की टीम उनकी मदद कर रही है.
एनडीआरएफ की टीम बनी सहारा
एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि वो प्रभावित प्रखंडों में जाकर बाढ़ पीड़ितों का मदद कर रहे हैं. 14 जुलाई से एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीमें तारडीह में कैंप कर रही है. बोट से लोगों के बीच राहत सामग्री भेजी जा रही है. लोगों द्वारा एक कॉल करने पर तुरंत टीम उनके बीच पहुंच जाती है.