दरभंगा: सांसद गोपालजी ठाकुर और प्रमंडल आयुक्त राधेश्याम साह ने मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान का दौरा किया. इस संस्थान के प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए शिलापट्ट, पुस्तकालय, पांडुलिपि कक्ष सहित विभिन्न विभागो का जायजा भी लिया गया. वहीं, सांसद ने कहा कि इस संस्थान के समुचित विकास के लिए उन्होंने लोकसभा में भी मुद्दा उठाया गया था.
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संस्थान के परिसर का जल्द होगा चाहरदीवारी का निर्माण
सांसद ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यूजीसी को समुचित करवाई करने के लिए दिशा निर्देश दिया था और पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी दी थी, जिस पर कार्रवाई चल रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से संस्थान को देश के ऐतिहासिक धरोहर व शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है ताकि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ दुर्लभ पांडुलिपियों का संरक्षण हो सके. उन्होंने कहा कि संस्थान के विशाल परिसर के सुरक्षा के लिए चाहरदीवारी निर्माण का कार्य जल्द होगा.
रूप रेखा तैयार कर प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपने का दिया निर्देश
सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि संस्थान में स्थायी निदेशक और कर्मचारी बहाल करने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक पहल की भी आवश्यकता है. उन्होंने प्रभारी को संस्थान के विकास के लिए रूप रेखा तैयार कर प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपने के लिए निर्देशित किया. निरीक्षण के क्रम में सांसद के साथ प्रमंडल के आयुक्त राधेश्याम साह, संस्थान के प्रभारी राजदेव प्रसाद, लिपि वाचक पंडित प्रकाश चन्द्र झा सहित कई लोग मौजूद थे.