बिहार

bihar

ETV Bharat / state

लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने वाले नवीन सिन्हा को 2021 का मिथिला विभूति सम्मान

कोरोना महामारी के चलते विश्वभर में हाहाकार है. एक ओर संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी तरफ मरने वालों का आंकड़ा भी तेजी से आगे जा रहा है. इस बीच कई अमानवीय घटनाएं भी सामने आ रही हैं जहां संक्रमित मरीज की मौत होने पर परिजन भी मुंह मोड़ ले रहे हैं. इस कठिन दौर में भी नवीन सिन्हा जैसे कुछ लोग हैं जो खतरे को नजरअंदाज कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं.

darbhanga
darbhanga

By

Published : Apr 27, 2021, 9:25 AM IST

Updated : Apr 27, 2021, 9:31 AM IST

दरभंगा: कोरोना से मृत अपनों का शव छोड़ कर भाग खड़े होने वाले लोगों के लिए दरभंगा के कबीर सेवा संस्थान के सदस्य नवीन सिन्हा मिसाल पेश कर रहे हैं. वे ऐसे मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए अपनी टीम और अपनी जान दांव पर लगा रहे हैं. नवीन सिन्हा के इसी साहसिक काम और समर्पण को देखते हुए विद्यापति सेवा संस्थान ने उन्हें 2021 के मिथिला विभूति सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की है.

ये भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण को लेकर डीएम ने की बैठक, गंभीर मरीजों को डीएमसीएच रेफेर करने का दिया निर्देश

नवंबर में आयोजित होगा सम्मान समारोह
उन्हें यह सम्मान इसी साल नवंबर में आयोजित होने वाले मिथिला विभूति (विद्यापति पर्व) समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा. विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने यह घोषणा की है.

अपने तोड़ ले रहे हैं रिश्ते
डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि कोरोना महामारी ने आम जनजीवन की तबाही के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी तार-तार कर दिया है। जिंदा रहते हुए जो लोग अपने परिवार को सुविधा संपन्न बनाए रखने के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे, कोरोना से मौत होने पर परिवार के सदस्य ही रिश्तों की इतिश्री कर ले रहे हैं. परिजन के अंतिम संस्कार की बागडोर भगवान भरोसे छोड़ हाथ खड़े कर दे हो रहे हैं. ऐसे शवों का अंतिम संस्कार करने में जिला प्रशासन के भी पसीने छूट रहे हैं.

कबीर सेवा संस्थान ने शवों की अंत्येष्टि का उठाया बीड़ा
उन्होंने कहा कि ऐसे विकट समय में दरभंगा में समाजसेवी और पत्रकार नवीन सिन्हा की अगुवाई में स्थापित कबीर सेवा संस्थान के लोग ऐसे शवों की अंत्येष्टि का बीड़ा उठाते हुए मानव सेवा का पाठ पढ़ा रहे हैं. नवीन सिन्हा की अगुवाई में हो रही इस अभूतपूर्व मानव सेवा को संज्ञान में लेते हुए विद्यापति सेवा संस्थान ने इस साल नवंबर महीने में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व समारोह के दौरान उन्हें मिथिला विभूति सम्मान से नवाजने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें: ग्रामीण चिकित्सकों को कोविड-19 के इलाज के लिए दिया गया ऑनलाइन प्रशिक्षण

अब तक करीब सवा सौ लावारिस शवों का अंतिम संस्कार
बता दें कि कबीर सेवा संस्थान की स्थापना 2014 में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए हुई थी. संस्थान में 12 सदस्यों की टीम है जो अब तक करीब सवा सौ लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है. इसने काम की सबसे ज्यादा सराहना 2020 और 2021 की कोरोना महामारी के दौरान हुई है जब कोरोना से मृत अपनों का शव छोड़ कर लोग डर से भाग खड़े हो रहे हैं.

नवीन सिन्हा की टीम ऐसे शवों का अंतिम संस्कार उनके धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार करती है. कबीर सेवा संस्थान अब तक दर्जनों हिंदू और मुस्लिम लोगों के शवों का अंतिम संस्कार कर चुका है. उनके इस काम की सराहना दरभंगा के डीएम ने भी की है.

Last Updated : Apr 27, 2021, 9:31 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details