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दरभंगा: घाटे में कब तक चलेंगी निजी बसें? सवारी कम होने से डीजल तक के नहीं निकल रहे पैसे

कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन का असर आम लोगों के साथ-साथ वाहन चालकों पर भी पड़ रहा है. बस चालकों का कहना है कि यात्री कम होने से उन्हें घाटा में ही यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान पर छोड़ना पड़ रहा है.

बस में नहीं सवारी
बस में नहीं सवारी

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Published : May 21, 2021, 3:28 PM IST

दरभंगा: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे सूबे में लॉकडाउन लगा दिया है. साथ ही बस सेवाएं को पूर्णत: बंद कर दिया गया था. लेकिन बस सेवा चालू न होने के कारण हवाई और रेल यात्रा कर बाहर से आने वाले यात्रियों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ रह था. जिसे देखते हुए प्रशासन ने जिले में सार्वजनिक बसों का परिचालनचालू किया. लेकिन सवारी सीट के अनुपात में नहीं होने के कारण डीजल तक का पैसा नहीं निकल पा रहा है. जिससे बस संचालक को काफी परेशानी हो रही है.

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पूरी सीट न भरने से हो रहा घाटा
दरअसल, कोरोना महामारी से बचाव के लिए जारी निर्देश और प्रशासन के माध्यम से बरती जा रही सख्ती के कारण अधिकांश लोग घर से निकलने में पहरेज कर रहे हैं. इसके साथ-साथ किसी प्रकार की यात्रा करने से भी परहेज कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में जो बसें चल रही हैं, उनके डीजल तक का पैसा नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में बस मालिक और कितने दिन तक बस चला पायेंगे, यह कहा नहीं जा सकता. क्योंकि सीट पूरा भरा नहीं होने के कारण स्थिति बेहद खराब है.

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घाटा लगाकर बस चलाने को मजबूर
लहेरियासराय बस स्टैंड से खुलने वाली बस के चालक प्रमोद यादव ने कहा कि प्रशासन के आदेश के बाद बस तो चलाया जा रहा है, लेकिन ऐसी स्थिति है कि डीजल तक का पैसा नहीं निकल पा रहा है. उन्होंने बताया कि केवल बाहर से आने वाले यात्री ही अभी यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में 5-10 से ज्यादा यात्री नहीं होते. इतने कम यात्रियों को लेकर जाना पड़ता है. ऐसे में उनके किराये से बस डीजल का भी खर्च नहीं निकल पा रहा.

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