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वामपंथी छात्र नेताओं ने की ज्योति के परिजनों से मुलाकात, कहा- बदली गई है पोस्टमार्टम रिपोर्ट - जन अधिकार पार्टी

छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि ज्योति कुमारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदल दी गई है. उन्होंने मामले में आंदोलन करनेवाले ग्रामीणों पर दायर झूठा मुकदमा वापस लेने की मांग की है. छात्र नेताओं ने कहा कि यह मुकदमा पूरी तरह से गलत है

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Published : Jul 8, 2020, 6:58 PM IST

दरभंगाः जिले के पतोर थाना क्षेत्रमें एक जुलाई को 14 वर्षीय ज्योति की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी. परिजन इसे हत्या बता रहे हैं, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में करंट से मौत की बात सामने आई थी. इस बीच वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और एआईएसएफ के सदस्यों की संयुक्त टीम ने ज्योति के परिजनों से मुलाकात की. टीम ने उन्हें ढांढस बंधाया और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलने तक पीड़ित परिवार के साथ संघर्ष और आंदोलन करने का वादा किया.

प्रशासन की नाकामी
टीम के सदस्य ने आरोप लगाया लगाते हुए कहा कि जिस तरह से दरभंगा जिला प्रशासन का बयान आ रहा है, उससे साबित हो रहा है कि प्रशासन आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रहा है. उन्होंने कहा कि घटना के आठ दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. यह पुलिस और प्रशासन की नाकामी साबित करता है.

वामपंथी छात्र नेताओं के साथ ज्योति के परिजन

ग्रामीणों पर झूठा मुकदमा दायर
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि ज्योति कुमारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदल दी गई है. उन्होंने मामले में आंदोलन करनेवाले ग्रामीणों पर दायर झूठा मुकदमा वापस लेने की मांग की है. छात्र नेताओं ने कहा कि यह मुकदमा पूरी तरह से गलत है, क्योंकि दोनों एक जैसी एफआईआर ग्रामीण पर की गई है.

जल्द से जल्द हो आरोपियों की गिरफ्तारी
टीम के सदस्यों ने कहा कि प्रशासन आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहा है. हम लोग इसको कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और ज्योति के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन को तेज करेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई करे.

ज्योति के परिजनों को ढांढस बंधाते नेता

पीड़ित परिवार से मिले थे पप्पू यादव
बता दें कि जन अधिकार पार्टी के संरक्षक सह पूर्व सांसद पप्पू यादव भी शुक्रवार को ज्योति के परिजनों से मिले थे. जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय का भरोसा देते हुए 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की थी. पप्पू यादव ने प्रशासन से इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा था कि अगर एक सप्ताह के अंदर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता है, तो पूरे बिहार में आंदोलन चलाया जायेगा.

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