दरभंगा: साल 2020 किसानों के लिए अब तक अच्छा नहीं रहा है. फरवरी से लेकर अप्रैल के अंत तक हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से ने रबी की फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया था. अब बाढ़ कहर बरपाने को तैयार है.
रबी सीजन में गेहूं और मूंग की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा. गेहूं की फसल पक कर तैयार खड़ी थी. लेकिन बेमौसम हुई बारिश से ये फसल सड़ गई. इस मुसीबत पर कोरोना की वजह से लागू हुआ लॉकडाउन भी हावी हुआ. अब, जब खरीफ की फसल की शुरूआत के लिए किसानों ने कर्ज लेकर धान की खेती करनी शुरू की, तो बाढ़ की डर उन्हें सताने लगा है.
डराने लगी नदियां
बारिश होते ही नदियां उफनाने लगी है. ऐसे में किसान बाढ़ की आशंका से परेशान हैं. वे भगवान भरोसे धान रोपनी में जुट गए हैं. सिंहवाड़ा प्रखंड के टेकटार और जाले प्रखंड के कमतौल में बड़े पैमाने पर धान की खेती हो रही है. स्थानीय किसान जगदेव दास ने कहा कि अच्छी बारिश देखकर, वे लोग धान की खेती कर रहे हैं. इससे वो अपना कर्ज चुकाना चाहते हैं. अगर ऐसी ही बारिश होती रही, तो फसल बहुत अच्छी होगी. लेकिन जिस तरह से नदी में उफान है. उससे अगर बाढ़ आ गई, तो फसल डूब जाएगी.