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गेहूं कटनी के लिए मिली छूट के बाद भी किसानों की समस्या बरकरार, दोगुनी कीमतों पर मिल रहा रीपर का धागा - darbhanga news

कोरोना वायरस के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. गेहूं की फसल की कटनी का समय है, लेकिन मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

किसानों की बढ़ी परेशानी
किसानों की बढ़ी परेशानी

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Published : Apr 6, 2020, 12:25 PM IST

दरभंगा:किसानों के लिए खेती वैसे भी घाटे का सौदा मानी जाती है. ऊपर से लॉकडाउन ने उनकी मुसीबत और बढ़ा दी है. हालांकि सरकार ने गेहूं कटनी के लिए किसानों को छूट दे दी है, लेकिन कोरोना के खतरे के डर से मजदूर अपने घरों से निकलना नहीं चाह रहे हैं. जिसका सीधा असर गेहूं की कटनी पर साफ देखने को मिल रहा है.

आलम यह है कि खेतों में गेहूं की फसल पक कर काटने लायक हो चुके हैं और सरकार ने भी कटनी के लिए छूट दे दी है. लेकिन, कोरोना वायरस के खौफ से मजदूर काम करने से कतरा रहे हैं. वहीं, किसानों का कहना है कि फसल की कटाई के लिए रीपर मशीन ही उपलब्ध है, लेकिन रीपर में जो धागा उपयोग होता है, लॉकडाउन की वजह से एजेंसी वाले उसकी उपलब्धता की कमी बताकर 1600 के बदले 3000 रुपया वसूल रहे हैं.

गेहूं की कटाई (फाइल फोटो)

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हो फसल कटाई

वहीं, हनुमाननगर प्रखंड के किसान राम विनोद झा ने बताया कि मजदूर नहीं मिलने पर उन्होंने समस्तीपुर जिला से कम्बाइंन हार्वेस्टर किराए पर लिया और कटनी करवा रहे हैं. जिसको लेकर उन्हें 2000 रुपया प्रति हेक्टेयर कटाई की कीमत देनी पड़ रही है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस समय सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिए कम्बाइन हार्वेस्टर बहुत उपयोगी है.

गेहूं की कटाई (फाइल फोटो)

शिकायतों पर हो रही कार्रवाई

रीपर धागे की कालाबाजारी पर जिला कृषि पदाधिकारी समीर कुमार ने बताया कि रीपर के धागे की जो शिकायत मिल रही है, उसको लेकर एजेंसी को निर्देश दिया गया है. एजेंसी को कहा गया है कि रीपर के इंजन नंबर के साथ किसानों को उचित मूल्य दें. शिकायत मिलने पर ऐसे एजेंसी संचालकों पर कार्रवाई की जायेगी.

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