दरभंगा: बिहार के दरभंगा में देश का पहला ज्योतिष चिकित्सा केंद्र (First Astrological Therapy Center in Darbhanga) खोला गया है, जहां कुंडली और हस्तरेखा देख रोगों का पता लगाया जाता है और आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज किया जाता है. अस्पताल में रोगियों के इलाज के लिए एक अनोखी विधि धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है. ऐसे में हर दिन अस्पताल मे लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो ज्योतिष के माध्यम से आयुर्वेदिक इलाज करवाने पहुंच रहे हैं. अस्पताल आने वाले मरीजों का कहना है कि ज्योतिष और आयुर्वेद के मेल से उन्हें बीमारी के इलाज में काफी फायदा हो रहा है.
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यहां डॉक्टर कुंडली देख कर रहे मरीजों का इलाज : दरभंगा जिले के महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (Maharani Rameshwari Indian Institute of Medical Sciences) और महाराजा कामेश्वर सिंह राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल (Maharaja Kameshwar Singh Government Ayurvedic Hospital) में वैसे आयुर्वेदिक चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है, जो ज्योतिष के भी डिग्रीधारी हैं. ऐसे चिकित्सक अस्पताल में आने वाले रोगियों की जन्म तिथि, जन्म समय और जन्म स्थान की पता करके उनकी कुंडली बनाते हैं. वहीं, अगर किसी व्यक्ति को जन्म तिथि, जन्म स्थान और जन्म समय की जानकारी न हो तो उसका हाथ देखकर हस्तरेखा विज्ञान के माध्यम से कुंडली बनाई जाती है.
ज्योतिष चिकित्सा के माध्यम से मरीज का इलाज : इसके बाद व्यक्ति की कुंडली के ग्रहों की स्थिति के अनुसार उस व्यक्ति के रोग का पता लगाया जाता है. तब उसके अनुसार उसे आयुर्वेदिक दवाएं दी जाती हैं. साथ ही रत्नों, हवन यज्ञ, मंत्र जाप और पूजा का भी सुझाव दिया जाता है. अस्पताल की इलाज की यह अनोखी विधि धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है और मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. यहां आने वाले मरीजों का कहना है कि ज्योतिष और आयुर्वेद के मेल से उन्हें बीमारी के इलाज में काफी फायदा हो रहा है. हर दिन अस्पताल में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो ज्योतिष के माध्यम से आयुर्वेदिक इलाज करवाने पहुंच रहे हैं.
ज्योतिष से आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment with astrology) करवाने पहुंची एक मरीज शोभा कुमारी ने कहा कि ''मुझे आंख की बीमारी है. जब मैं यहां आईं तो जन्म तिथि, जन्म स्थान और जन्म समय पूछकर चिकित्सक ने मेरी आंख की बीमारी को पहचान लिया. इसके बाद मुझे आयुर्वेदिक दवाएं तो दी ही गईं, साथ ही पूजा और मंत्र जाप का सुझाव भी दिया गया है. इससे मुझे फायदा हो रहा है.''
राजकीय आयुर्वेद अस्पताल के चिकित्सक डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि वे ज्योतिष के माध्यम से कुंडली बनाकर यहां आने वाले लोगों की बीमारियों की पहचान करते हैं. उन्होंने कहा कि जन्म तिथि, जन्म स्थान और जन्म समय की जानकारी लेकर कुंडली बनाई जाती है. साथ ही हस्तरेखा विज्ञान के माध्यम से भी व्यक्ति की कुंडली बनाई जाती है. उसके बाद उसे दवा और पूजा पाठ का सुझाव दिया जाता है.