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कोरोना संकट में इस अफसर का पशुओं के प्रति दिखा प्रेम, आवारा जानवरों को करा रहें है भोजन

कोरोना वायरस के कारण बिहार सहित पूरे भारत में लॉक डाउन है. ऐसे में सड़क पर रहने वाले पशु भोजन-पानी के लिए तड़प रहे हैं. भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड के एक अधिकारी सुजीत चौधरी इनकी जिंदगी बचाने के लिए सामने आए हैं. डेयरी मंत्रालय बिहार के राज्य पशु कल्याण अधिकारी पिछल पांच दिनों से सुबह-शाम घूम-घूम कर आवारा पशुओं को भोजन करा रहे हैं.

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Published : Mar 29, 2020, 7:26 PM IST

दरभंगा: कोरोना वायरस की वजह से भारत समेत पूरी दुनिया संकट में हैं. इंनसान तो इन्सान जानवर भी परेशान हैं. सबसे बुरा हाल गायों, कुत्तों, घोड़ों समेत उन आवारा पशुओं का है जो सड़क पर रहते हैं और आसपास की दुकानों से निकले अवशिष्ट पदार्थों पर भोजन के लिए निर्भर रहते हैं. ये पशु भोजन-पानी के लिए तड़प रहे हैं. इन्हें न तो कोई एनजीओ पूछ रहा है और न ही जिला प्रशासन के लोग. ऐसे में भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड के एक अधिकारी सुजीत चौधरी इनकी जिंदगी बचाने के लिए सामने आए हैं. सुजीत चौधरी भारत सरकार के पशु, मत्स्य और डेयरी मंत्रालय बिहार के राज्य पशु कल्याण अधिकारी हैं. ये लॉ़क डाउन की वजह से दरभंगा में फंस गए हैं. पिछले पांच-छह दिनों से ये पूरे शहर के चौक-चौराहों पर सुबह-शाम घूम-घूम कर आवारा पशुओं को भोजन करा रहे हैं.

पशुओं को भोजन कराते अधिकारी

'पशु-पक्षियों की देखभाल करना भी हमारी जिम्मेदारी'
जिले के टावर चौक पर आवारा गायों और कुत्तों को भोजन करा रहे सुजीत चौधरी ने बताया कि पशु-पक्षियों की देखभाल करना भी हमारी जिम्मेवारी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पशु, मत्स्य और डेयरी मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है कि आवारा पशुओं को भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाए, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वे आम लोगों से अनाज मांग कर इन जानवरों के लिए भोजन-पानी का इंतजाम कर रहे हैं और अपने संसाधन से घूम-घूम कर उन्हें खिलाते हैं. उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि इन आवारा पशुओं को गोशाला या अन्य किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाकर रखा जाए और उन्हें भोजन व पानी उपलब्ध कराया जाए.

पेश है रिपोर्ट.

लॉक डाउन के कारण पशुओं की जिंदगी पर संकट
बता दें कि देश व्यापी लॉक डाउन की वजह से सभी बाजार और दुकाने बंद हैं. ऐसे में होटलों, सब्जी और फलों की दुकानों के अवशिष्ट पर गुजारा करने वाले आवारा पशुओं की जिंदगी पर संकट आ गया है. इनमें ज्यादातर आवारा कुत्ते, गाय-बैल, सांड़ और घोड़े जैसे जानवर शामिल हैं.

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