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ट्रेन में चुनावी चर्चा: लोग मायूस हैं कि उनकी समस्याओं के बजाय बेफिजूल बातों पर बहस हो रही - rail passengers

रेल में सफर करने वाले लोग इस बात से बेहद आहत हैं कि देश में समस्याओं का अंबार है. मगर सियासी दल उसके निदान के बजाय चुनावी रैलियों में उन बेफिजूल के मुद्दों को हवा देते हैं, जिनसे किसी का भला नहीं होने वाला.

चुनावी चर्चा

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Published : May 4, 2019, 12:11 PM IST

पटना: पूरे देश में इन दिनों चुनावी माहौल है. हर तरफ सियासत का बाजार गर्म है. चौक-चौराहे हो या बस स्टैंड या फिर रेलवे स्टेशन, तमाम जगहों पर चुनावी चर्चा जोरों पर है. ऐसे में ईटीवी भारत संवाददाता ने ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों से बातचीत की और उनके मूड को भांपने की कोशिश की. आम जन से जुड़े मुद्दों को लेकर आम लोगों की राय समझने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता पटना-गया रेलखंड में चलने वाली ट्रेन की साधारण बोगी में घुसा. यात्रियों से खचाखच भरी इस बोगी में संवाददाता ने चुनाव पर चर्चा शुरू की. जहां लोगों ने एक-एक कर अपनी बात रखी.

रेल यात्रियों से बात करते शशि तुलस्यान

'हमें चाहिए मजबूत सरकार'
ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने बातचीत में कहा कि वे मजबूत सरकार बनाने के पक्ष में है. सरकार ऐसी हो, जो आंतरिक और बाहरी दुश्मनों को खात्मा करे और देश में विकास करे.

'झूठे वायदे नहीं चाहिए'
वहीं, कुछ यात्रियों ने यह भी कहा कि इस बार सरकार सिर्फ वायदे करने वाली नहीं, बल्कि जो भी वायदे करें, वह पूरे भी होने चाहिए.

'बेफिजूल की बातों से लाभ नहीं'
बातचीत के दौरान कुछ लोगों ने कहा कि वे इस बात से आहत हैं कि चुनावी शोर में जनसरोकार से जुड़े मुद्दे गौण हो गए हैं. यात्रियों ने कहा कि युवाओं को रोजगार मिले, किसानों को खेतों में पानी पहुंचे, महंगाई पर रोक लगे और बेहतर स्वास्थ्य-शिक्षा हो, हमारे लिए ये ज्यादा जरूरी है. बेफिजूल की बातों से हमारा पेट नहीं भरता.

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