बक्सरः रविवार को विश्व हिन्दी दिवस मनाया गया. यह प्रति वर्ष 10 जनवरी को पूरे विश्व में मनाया जाता है. इसका मूल उद्देश्य विश्व के प्रत्येक भागों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है.
दुनिया के अन्य देशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं. सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं. विश्व में हिन्दी को प्रतिष्ठा दिलाने व विकास करने तथा इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई. प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था.
हिंदी में कामकाज को दें बढ़ावा- एसडीएम
इस बाबत जब अनुमंडल पदाधिकारी बक्सर कृष्ण कुमार उपाध्याय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हिंदी को हर स्तर पर अपनाना होगा. सरकारी हो या निजी हर क्षेत्र में हिंदी में कामकाज को बढ़ावा देना होगा. वहीं, बक्सर के सुप्रसिद्ध विश्वामित्र महाविद्यालय से रिसर्च कर रहे गुरु शरण चौरसिया का कहना था कि हिंदी के साथ शुरू से भेदभाव किया गया है. हिंदी अभी तक रोजगार परक भाषा नहीं बन पाई है. जब तक इसे रोजगार के साथ नहीं जोड़ा जाएगा तबतक हिंदी को राष्ट्रीय स्तर की दर्जा नहीं मिल पाएगी.