बक्सर:मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले पर दिल्ली की साकेत कोर्ट का फैसला आने के बाद एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इस केस का उद्भेदन करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी. मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट 28 जनवरी को सजा का ऐलान करेगी. इस केस में मुजफ्फरपुर की तत्कालीन एसएसपी हरप्रीत कौर, एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा, टाउन डीएसपी मुकुल रंजन, महिला थाना प्रभारी ज्योति कुमारी की टीम ने शेल्टर होम कांड का खुलासा किया था.
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला पुलिस के लिए थी बड़ी चुनौती- SP उपेंद्र नाथ वर्मा
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम 2 साल बाद एक बार फिर देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, फरवरी 2018 में पुणे की टीआईएसएस की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था. जिसके बाद बिहार ही नहीं पूरे देश में हड़कंप मच गया था.
19 लोग दोषीकरार
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम 2 साल बाद एक बार फिर देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, फरवरी 2018 में पुणे की टीआईएसएस की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था. जिसके बाद बिहार ही नहीं पूरे देश में हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में नीतीश सरकार की तरफ से पूरे मामले की जांच के लिए तत्कालीन मुजफ्फरपुर एसएसपी हरप्रीत कौर, पुलिस कप्तान उपेंद्र नाथ वर्मा, टाउन डीएसपी मुकुल रंजन, महिला थाना प्रभारी ज्योति कुमारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर इस मामले की खुलासा किया गया. 2 साल बाद दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बालिका गृह से जुड़े 20 में से 19 लोगों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सजा पर सुनवाई के लिए 28 जनवरी की तारीख तय की है.
कानून की गिरफ्त से बच नहीं सकते अपराधी- एसपी
एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि इस केस आरोपियों को कोर्ट की तरफ से दोषी ठहराया गया है. इससे मैं भी काफी उत्साहित हूं कि मेरे जरिए जिस केस का उद्भेदन किया गया था. उसके सारे आरोपी अब जेल की सलाखों के पीछे होंगे. हम सभी की मेहनत से समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा कि अपराधी चाहे कितने भी रसूखदार क्यों न हो कानून की गिरफ्त से बच नहीं सकता. बता दें कि 26 मई 2018 को पुणे की टीआईएसएस की टीम ने शेल्टर होम से जुड़े रिपोर्ट को बिहार के समाज कल्याण विभाग के निदेशक को भेजा था. जिसके बाद 31 मई 2018 को रिपोर्ट के आधार पर आरोप की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर इस मामले का उद्भेदन किया गया था.