बक्सर: कोरोना के बीच आगामी बिहार विधानसभा चुनाव का रंग राजनेताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. जिले में बैठक और रैलियों का दौर तेज हो गया है. कोई वर्चुअल तो कोई एक्चुअल बैठक कर मतदाताओं को गोलबंद करने में जुटा दिख रहा है. इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में सबकी नजर प्रवासी श्रमिकों पर टिकी हुई है. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस बार के विधानसभा चुनाव में प्रवासी श्रमिक गेम चेंजर की भूमिका निभाएंगे.
शहर के वृंदावन गार्डन में पहुंचे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष वृषण पटेल ने पार्टी जिला अध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ अहम बैठक की. जहां उन्होंने चुनावी तैयारियों का फीडबैक लिया. इस दौरान पूर्व मंत्री ने कहा कि महागठबंधन के नेता लाशों की ढेर पर चुनाव नहीं चाहते हैं.
'नीतीश कुमार को माफ नहीं करेगी जनता'
मौके पर आरजेडी नेता वृषण पटेल ने कहा कि जिस तरह से बिहार सरकार और भारत सरकार चुनाव कराने के लिए बेताब दिख रही है वैसी स्थिति में राजद और उसके सभी सहयोगी दल चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं. इस बार नीतीश कुमार की बिहार से विदाई तय है क्योंकि हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर आने वाले प्रवासी श्रमिक नीतीश कुमार को माफ नहीं करेंगे. वे सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका निभाएंगे.
विंध्याचल कुशवाहा,जदयू जिला अध्यक्ष जेडीयू की डिजिटल रैली को लेकर उत्साह
वहीं, विधानसभा चुनाव से पहले 6 सितंबर को नीतीश कुमार की डिजिटल रैली होनी है. इसको लेकर जदयू के सभी कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं. बक्सर के चारों विधानसभा क्षेत्र से 5-5 हजार पार्टी के कार्यकर्ता डिजिटल माध्यम से नीतीश कुमार के साथ सीधे संवाद करेंगे. यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की यह रैली आगामी विधानसभा चुनाव की दशा और दिशा तय करेगी. इस डिजिटल रैली को लेकर जदयू जिला अध्यक्ष विंध्याचल कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार की यह रैली सभी रैलियों का रिकॉर्ड तोड़ देगी.
कांग्रेस करेगी 100 डिजिटल रैली
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ताबड़तोड़ 100 डिजिटल रैली करेंगे. जिसको लेकर पार्टी के नेता, कार्यकर्ताओं को गोलबंद कर 2015 के इतिहास को फिर से दोहराने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव कई मायने में 2015 के चुनाव से अलग है. न तो नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की जोड़ी एक साथ है और ना स्थिति सामान्य है.
बक्सर का वर्तमान समीकरण
गौरतलब है कि बक्सर की 4 विधानसभा सीटों में से 2 विधानसभा सीट पर जदयू का कब्जा है. अन्य 2 विधानसभा सीट कांग्रेस और राजद के खाते में है. भारतीय जनता पार्टी 2015 के विधानसभा चुनाव में अपनी पारंपरिक सीट भी हार गई है. ऐसे में जदयू, राजद, कांग्रेस को अपना सीट बचाने का तो बीजेपी को वापसी करने की चिंता सता रही है.