बक्सर:विश्व के कई देश कोरोना वायरस कि संकट से भारत के साथ जूझ रहे हैं. इसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' का आहवाहन किया था. प्रधानमंत्री के 'जनता कर्फ्यू' का आहवाहन का जिले में शत-प्रतिशत समर्थन मिल रहा है. शहर के सबसे व्यस्ततम इलाके में भी एक भी लोग सड़कों पर नहीं दिखाई दे रहे हैं.
बक्सर में 'जनता कर्फ्यू' का लोगों ने किया समर्थन, सड़कों पर छाया सन्नाटा - जनता कर्फ्यू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के संकट से लोगों को बचाने के लिए 19 मार्च को देश के नाम संबोधन के दौरान देशवासियों से 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' लगाने का आवाहन किया था. जनता स्वयं खुद को घर में रखें. जिसका असर बक्सर वासियों पर शत-प्रतिशत दिखाई दे रहा है.
सड़कों पर छाया सन्नाटा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के संकट से लोगों को बचाने के लिए 19 मार्च को देश के नाम संबोधन के दौरान देशवासियों से 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' लगाने का आवाहन किया था. जनता स्वयं खुद को घर में रखें. जिसका असर बक्सर वासियों पर शत-प्रतिशत दिखाई दे रहा है. शहर के सबसे व्यस्ततम इलाका में भी सड़कों पर एक भी व्यक्ति नहीं दिखाई दे रहे हैं और ना ही यहां कोई दुकान खुला है.
'जनता कर्फ्यू' का लोगों ने किया समर्थन
कोरोना वायरस से निपटने के लिए बक्सर जिला प्रशासन की ओर से फुलप्रूफ तैयारी की गई है. उत्तर प्रदेश से बिहार में आने वाले सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है. सभी निजी और सरकारी बसों को बंद कर दिया गया है. सभी मंदिरों को 31 मार्च तक बंद करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही 31 मार्च तक प्रत्येक व्यक्तियों को उनके घर में ही मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने का पूर्ण तैयारी की गई है. ताकि बक्सर वासियों को इस संक्रमण से बचाया जा सके. हालांकि प्रधानमंत्री के 'जनता कर्फ्यू' का लोगों ने पुरजोर समर्थन किया है.