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बक्सर: दीपावली से पहले तक गरीबों को अपना घर मुहैया कराने की कवायद तेज, PMAY के तहत हो रहा काम - Government Scheme Information

केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चलाती है. आम से लेकर खास तक योजनाओं को पहुंचाना सरकार का लक्ष्य होता है. ऐसे में लोगों को योजनाओं के बारे में जागरुक करने के लिए ईटीवी भारत 'हमारी सरकार...हमारी योजना' नाम की सीरीज चला रहा है. जिससे लोगों तक सरकारी स्कीम की जानकारी पहुंचे.

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Published : Sep 10, 2019, 12:28 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 3:22 PM IST

बक्सर:जिलावासियों के लिए एक अच्छी खबर है. इसी दीपावली के मौके पर सरकार हजारों बेघरों को छत मुहैया कराने वाली है. इसको लेकर युद्ध स्तर पर काम भी शुरू हो चुका है. मिशन दीपावली को लक्ष्य बनाकर ग्रामीण विकास एवं आवास विभाग जी-जान से जुट गया है. यह कार्य प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किया जा रहा है.

बुनियादी सुविधाएं नसीब नहीं

प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुसार साल 2022 तक सभी बेघर परिवारों को घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना की शुरूआत 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. जिसके तहत तमाम राज्यों में कार्य तेजी से किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इस दीपावली से पहले तक योजना को बक्सर में भी आकार दे दिया जाएगा.

नहीं है सिर पर पक्की छत

यह है लक्ष्य...
बता दें कि इस योजना के तहत देश के 20 लाख परिवारों के लिए 2022 केंद्र सरकार की ओर 20 लाख घरों का निर्माण करवाया जाएगा. जिसमें झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के लिए 18 लाख और शहरी गरीब इलाकों में 2 लाख घरों का निर्माण कराने के लक्ष्य रखा गया है.

लोगों ने सुनाई आपबीती

विभाग चला रहा मिशन दीपावली
वहीं, इस योजना को लेकर डीडीसी अरविंद कुमार ने बताया कि बक्सर जिला में ग्रामीण विकास एवं आवास लिभाग ने मिशन दीपावली लक्ष्य तय किया गया है. दीपावली के दिन प्रधानमंत्री आवास योजना एवं इंदिरा आवास योजना के तहत जो भी घर बनवाये जा रहे है, उसका सर्वे करने के लिए सभी इंदिरा आवास सहायकों को उनके इलाके में रिपोर्ट तैयार करने के लिए भेज दिया गया है. विभाग यह चाहता है कि इस दीपावली से पहले तक सभी बेघरों लोगों को नया घर मिले और वह गृह-प्रवेश कर जाएं.

अरविंद कुमार, डीडीसी

महादलित परिवारों ने किए चौंकाने वाले खुलासे
जिला प्रशासन की इस तैयारी को लेकर जब झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले महादलित परिवारों की राय ली गई तो वह काफी आक्रोशित दिखे. उनका साफ तौर पर कहना था कि किसी भी सरकारी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है. उनकी अनदेखी की जा रही है. गांव में वह बुनियादी सुविधाओं को भी तरस रहे हैं.

बदहाली में कर रहे गुजर-बसर

शौचालय के लिए भी वसूले जा रहे रुपये
लोगों ने कहा कि हालात ऐसे हैं कि ना तो उन्हें वृद्धा पेंशन ही मिलता है और ना ही विकलांगता पेंशन नसीब है. सरकार की ओर से स्वच्छता के तहत शौचालय बनवाए गए हैं, जिसके इस्तेमाल के लिए भी उनसे 15 रुपये वसूले जाते हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना?
भारत सरकार ने प्रधान मंत्री आवास योजना की स्कीम महंगे रियल स्टेट सेक्टर की अपेक्षा सस्ते घरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरु की गई थी. इस स्कीम का लक्ष्य, महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में 31 मार्च 2022 तक देशभर में 20 मिलियन घरों का निर्माण कर "सब के लिए घर (हाउसिंग फॉर ऑल)" के अपने उद्देश्य को प्राप्त करना है. क्षेत्रों की आवश्यकताओं के आधार पर, इस योजना को दो भागों में बांटा गया है - शहरी और ग्रामीण.

Last Updated : Sep 10, 2019, 3:22 PM IST

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