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बक्सर: बुधवार से पंचकोसी परिक्रमा यात्रा... श्रद्धालुओं के लिए नहीं की गयी है कोई व्यवस्था - etv bharat

बक्सर में विश्व प्रसिद्ध पांच दिवसीय पंचकोसी परिक्रमा यात्रा ( Panchkosi Parikrama Yatra ) 24 नवंबर से शुरू हो रही है. जिसके लिए श्रद्धालुओं का जत्था धीरे-धीरे पहुंच रहा है. वहीं, जिला प्रशासन के द्वारा इसके लिए कोई तैयारी नही की गयी है. गंगा घाट (Ganga Ghat in Buxar) से लेकर मंदिर की परिसर में गंदगी का अम्बार (Dirt in Temple Premises Buxar) लगा है. पढ़ें पूरी खबर...

Panchkosi Parikrama Yatra
पंचकोसी परिक्रमा यात्रा में गंदगी का अम्बार

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Published : Nov 23, 2021, 9:30 PM IST

बक्सर:बिहार के बक्सर में 24 नवंबर से पांच दिवसीय पंचकोसी परिक्रमा यात्रा (Panchkosi Parikrama Yatra) शुरू होगी. पंचकोसी परिक्रमा में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का जत्था अहिल्या आश्रम अहिरौली (Ahilya Ashram Ahiroli) में पहुंचने लगा है. पांच दिवसीय विश्व प्रसिद्ध पंचकोसी परिक्रमा (World Famous Panchkosi Parikrama) यात्रा को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से कोई तैयारी नहीं की गयी है. गंगा घाट से लेकर मंदिर परिसर मेंगंदगी का अम्बार (Dirt in Temple Premises Buxar) लगा है. जिससे स्थानीय लोगों ने नाराजगी व्यक्त की और ट्रस्ट पर लूट-खसोट करने का आरोप लगाया है और जिला प्रशासन पर कोरम पूर्ति किये जाने की बात कही है.

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अगहन मास के पंचमी से शुरू होने वाले इस पंचकोसी परिक्रमा यात्रा में शामिल होने के लिए बिहार समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, उड़ीसा और नेपाल समेत पूरे देश और विदेशों से श्रद्धालु बक्सर आते हैं. कोरोना काल में 2 साल बाद आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध इस पंचकोसी परिक्रमा यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है. वहीं, व्यवस्था और साफ-सफाई नहीं किये जाने से स्थानीय लोगों में जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति घोर नाराजगी है.

देखें रिपोर्ट

पंचकोसी परिक्रमा यात्रा के पहले पड़ाव में श्रद्धालुओं का जत्था बुधवार को मां अहिल्या के आश्रम अहिरौली में पहुंचेगा. जहां उत्तरायणी गंगा में स्नान (Bathing in Uttarayani Ganga) करने के बाद श्रद्धालु अहिल्या मंदिर में पूजा-पाठ कर पुआ पकवान का भोग लगाएंगे. जिसको लेकर साफ सफाई की पहले से व्यवस्था की जाती है. इस साल उत्तरायणी गंगा के तट से लेकर, मंदिर परिसर के चारों तरफ कचरे का अंबार लगा हुआ है. जिला प्रशासन के द्वारा न तो साफ सफाई की व्यवस्था की गयी और ना ही स्थानीय सांसद-विधायक ने सुध ली. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है. रास्ते में शराब की खाली शीशियां पड़ी हुई है. चारों तरफ शराब की रैपर और ग्लास बिखरा हुआ है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि व्यवस्था के नाम पर जिला प्रशासन के द्वारा कोरम पूर्ति की जा रही है. वहीं, जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी घोर लापरवाही बरती जा रही है. पंचकोसी परिक्रमा यात्रा को लेकर स्थानीय सदर विधायक से साफ-सफाई और व्यवस्था में सहयोग करने के लिए कई बार मदद के लिए गुहार लगाया गया, लेकिन किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली. उन्होंने कहा कि इस पवित्र यात्रा में जनप्रतिनिधि दिखे तो लाठियों से खदेड़कर उन्हें बाहर किया जाएगा.

बता दें कि पंचकोसी परिक्रमा यात्रा को लेकर कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम (Lord Rama in Treta Yuga) अपने भ्राता लक्ष्मण, ऋषि विश्वामित्र के साथ बक्सर आये थे. उस समय बक्सर में ताड़का, सुबाहू, मारीच आदि राक्षसों का आतंक था. इन राक्षसों का वध कर भगवान राम ने ऋषि विश्वामित्र (Rishi Vishwamitra) से यहां शिक्षा ग्रहण किया था. ताड़का राक्षसी का वध करने के बाद भगवान राम ने नारी हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए अपने भ्राता लक्ष्मण और ऋषि विश्वामित्र के साथ 5 कोस की यात्रा प्रारम्भ की. इस यात्रा के पहले पड़ाव में गौतम ऋषि के आश्रम अहिरौली पहुंचे, जहां पत्थर रूपी अहिल्या को अपने चरणों से स्पर्श कर उनका उद्धार किया और उत्तरायणी गंगा में स्नान कर पुआ पकवान खाये.

इस यात्रा के दूसरे पड़ाव में नारद मुनि के आश्रम नदाव पहुंचे, जहां सरोवर में स्नान करने के बाद सत्तू और मूली का उन्होंने भोग लगाया. इसी तरह तीसरे पड़ाव में भार्गव ऋषि के आश्रम भभुअर, चौथे पड़ाव में उद्दालक ऋषि के आश्रम उनवास, और पांचवे एवं अंतिम पड़ाव में चरित्र वन बक्सर में पहुंचकर उन्होंने लिट्टी चोखा का भोग लगाया. उस समय से ही इस परंपरा का निर्वहन लोग करते आए हैं. प्रत्येक साल अगहन महीने के पंचमी से इस यात्रा की शुरुआत होती है. जिसमें भाग लेने के लिए लाखों श्रद्धालु बक्सर आते हैं.

पंचकोसी परिक्रमा यात्रा के पहले पड़ाव में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचने लगा है. मंदिर परिसर से लेकर रास्ते में चारों तरफ बिखरे पड़े कूड़े को लेकर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के प्रति लोगों ने नाराजगी व्यक्त की. श्रद्धालुओं ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा कई बार यह घोषणा किया गया कि राम से जुड़े बक्सर के तमाम स्थलों को रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगा, लेकिन यह जुमला साबित हुआ.

चुनाव के दौरान श्रीराम केंद्र बिंदु में होते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के साथ ही श्रीराम को लेकर की गई घोषणाएं भी खत्म हो जाती है. आलम यह है कि जिला प्रशासन से लेकर सांसद-विधायक पूरी तरह से उदासीन है. लोगों ने स्थानीय सदर विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से कई बार गुहार लगायी, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गयी. श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया है. देश-दुनिया से आए हुए श्रद्धालु जब इस धार्मिक स्थल का हाल देखेंगे तो बक्सर का कैसी छवि विश्व पटल पर बनेगी.

गौरतलब है कि 24 नवंबर से शुरू हो रही पंचकोसी परिक्रमा यात्रा श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया है. श्रद्धालु उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के बाद माता अहिल्या के मंदिर में दीप जलाकर 25 नवंबर को नारद मुनि के आश्रम नदाव, 26 नवम्बर को भार्गव मुनि के आश्रम भभुअर, 27 नवंबर को उद्दालक ऋषि का आश्रम उनवास और इस यात्रा के अंतिम पड़ाव में 28 नवंबर को श्रद्धालु बक्सर के चरित्र वन में पहुंचकर उत्तरायणी गंगा में स्नान कर लिट्टी चोखा का भोग लगाकर यात्रा का समापन करेंगे.

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