बक्सर:राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) की नाराजगी का मुद्दा थम नहीं रहा है. इस मामले में जदयू और भाजपा नेताओं की लगातार प्रतिक्रिया आ रही है. इसी क्रम में एक निजी कार्यक्रम में बक्सर आए बिहार सरकार के श्रम संसाधन एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार मिश्रा (Jibesh KumarMishra) ने भी बयान दिया है.
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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजद प्रदेश कार्यालय में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा झंडा नहीं फहराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बाप बेटे की पार्टी में बाप के बाद बेटा ही झंडा फहराएगा. प्रदेश अध्यक्ष तो केवल एक स्टाम्प मात्र हैं. वहां कार्यकताओं की कोई कीमत नहीं है. राजद एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है. इस पार्टी में कोई और कैसे झंडा फहरा सकता है.
"बाप बेटे की पार्टी में अक्सर ऐसा होता है. जो दल बाप बेटे पर आधारित हो, जहां कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान नहीं हो वहां झंडा भी बाप के बाद बेटा ही फहराएगा. अध्यक्ष केवल स्टाम्प के लिए होते हैं."- जिवेश कुमार मिश्रा, मंत्री, श्रम संसाधन एवं कौशल विकास विभाग
बता दें कि पिछले दिनों पटना में आयोजित छात्र आरजेडी की बैठक के दौरान तेजप्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए कहा था, 'जगदानंद सिंह हिटलर शाही चला रहे हैं और पार्टी में मनमानी कर रहे हैं. वह कुर्सी को अपनी बपौती समझ रहे हैं. कुर्सी किसी की नहीं होती है, कब किसकी कुर्सी चली जाए कोई ठिकाना नहीं होता.'
माना जा रहा है कि तेजप्रताप के इस बयान के बाद से जगदानंद सिंह काफी नाराज हैं. उसी दिन से वह पार्टी कार्यालय नहीं आ रहे हैं. जगदानंद सिंह की नाराजगी का आलम ये है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी वह पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचे. उनकी गैर मौजूदगी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने झंडा फहराया. हालांकि बाद में तेजस्वी यादव से जब जगदानंद सिंह की नाराजगी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'ऐसी कोई बात नहीं है. यह सब काल्पनिक बातें हैं और काल्पनिक सवालों का कोई जवाब नहीं होता.'
एक तरफ तेजस्वी यादव यह दावा कर रहे हैं कि जगदानंद सिंह नाराज नहीं हैं, दूसरी तरफ जानकारी के मुताबिक लालू परिवार लगातार जगदानंद सिंह को मनाने में लगा है. सोमवार को पार्टी दफ्तर में तेजस्वी यादव ने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक भी की थी. जगदानंद सिंह से लालू यादव की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं, लेकिन पिछले साल रघुवंश सिंह ने तेज प्रताप यादव के बयान से आहत होकर आखिरी वक्त में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और लाख मनाने पर भी अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया था. अबकी बार जगदानंद सिंह की नाराजगी भी कुछ ऐसे ही हालात की तरफ इशारा कर रही है.
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