बक्सर: बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) की 24 सीटों पर चुनाव से पहले ही महागठबंधन की गांठ खुलने लगी है. राष्ट्रीय जनता दल ने महागठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस से बिना सहमति लिए कई सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर दिए हैं, जिसके बाद दोनों पार्टियो की खींचतान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. इधर, महागठबंधन के अन्य सहयोगी तीनों वामपंथी पार्टियां राजद के साथ खड़ी दिखाई दे रही हैं, जिसके कारण राजद के नेता पूरी तरह से मुखर हो गए हैं और 2015 के सियासी समझौते को याद दिला रहे हैं.
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बिहार विधान परिषद की 24 सीटों को लेकर होने वाले चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने से पहले ही राजद ने आरा और बक्सर से अपना उम्मीदवार अनिल सम्राट को घोषित कर दिया है. जिसको लेकर राजद जिला कार्यालय में महागठबंधन के सहयोगी राजद और तीनों वामपंथी पार्टी के नेताओं ने घंटों बैठक की. हालांकि, इस बैठक से कांग्रेस पार्टी के नेताओं को दूर रखा गया (Mahagathbandhan meeting without Congress) है, जिसके कारण महागठबंधन की आंतरिक कलह अब खुलकर बाहर आने लगी है. कहा जा रहा है कि राजद के नेता इस बार कांग्रेस के साथ आरपार के मूड में हैं और किसी भी सूरत में कांग्रेस को 4 सीट से अधिक नहीं देंगे.
महागठबंधन की कांग्रेस के बिना बैठक विधान परिषद के चुनाव को लेकर आरजेडी मुखर है और कांग्रेस को सीधे-सीधे 2015 की सियासी समझौते की याद दिला रहे हैं, जिसके कारण कांग्रेस खेमे में तिलमिलाहट देखने को मिल रही है. आरजेडी और कांग्रेस के बीच चल रहे द्वंद में तीनों वामपंथी पार्टियां राजद के साथ खड़ी हैं. सूत्रों की माने तो भाकपा के 2 उम्मीदवार महागठबंधन से विधान परिषद का चुनाव लड़ेंगे, जिस पर सहमति बन गई है.
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राजद कार्यालय में आयोजित महागठबंधन के नेताओं की बैठक में पहुंचे डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि महागठबंधन के सभी सहयोगियों की यह कोशिश है कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को रोका जाए. भारतीय जनता पार्टी के नेता धन बल के साथ इस चुनाव को जीतने की कोशिश करने में लगे हुए हैं.
''बैठक में कांग्रेस क्यों शामिल नहीं हुई या आगे क्या होगा ये शीर्ष नेतृत्व तय करेगा. हम लोगों को इस बैठक में शामिल होने के लिए निर्देश मिला था, हम लोग शामिल हुए हैं. हमारी पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कौन कौन साथ होगा यह प्रदेश स्तर पर तय होता है. हम लोग भी चाहते हैं कि कांग्रेस भी साथ आए, क्योकि कांग्रेस पार्टी के नेता भी बीजेपी को हराना चाहते हैं.''-अजित कुमार, भाकपा माले विधायक
वहीं, राजद और कांग्रेस के बीच चल रहे अंतर कलह पर सफाई देते हुए राजद जिलाध्यक्ष शेषनाथ यादव ने कहा कि कुछ सीटो को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच वार्ता चल रही है. जब तालमेल बैठ जाएगा तो महागठबंधन के सभी साथियों के साथ बैठक होगी. यह औपचारिक बैठक है. कांग्रेस को क्यों नही निमंत्रण दिया गया, यह कोई मुद्दा नही है. प्रदेश नेतृत्व का जो आदेश होता है हम लोग केवल उसे मानते हैं. कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है और महागठबंधन का अंग है और उसका अपना जनाधार है, लेकिन गठबंधन में कौन सहयोगी होगा, यह शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा.
गौरतलब है कि 24 सीटों पर होने वाले बिहार विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस 7 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है, वहीं राजद के नेता 4 से अधिक सीट देने को तैयार नहीं है. राजद के नेता महागठबंधन के सहयोगी तीनों वामपंथी पार्टियों के साथ बैठक कर, इस चुनाव को जीतने की रणनीति बनाने में लगे हुए हैं. हालांकि, कांग्रेस इस महागठबंधन का पार्ट रहेगी या विधानसभा उपचुनाव की तरह राजद से अलग होकर चुनाव लड़ेगी, यह कहना अभी मुश्किल है.
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