बक्सर:बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी शराब तस्कर लगातार शराब की तस्करी के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं. लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से शराब तस्कर पकड़े जाते हैं. ऐसा ही एक मामलाबिहार के बक्सरजिले से सामने आया है. वीर कुंवर सिंह सेतु पर उत्पाद विभाग (action of excise department in buxar) ने एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है. तस्कर हरियाणा से शराब लेकर बक्सर के रास्ते सुपौल लेकर जा रहा था.
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6 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा बना था तहखाना:उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि वीर कुंवर सिंह सेतु पर सघन जांच अभियान चलाया जा रहा था. बुधवार रात तकरीबन 8:00 बजे उत्तर प्रदेश से बिहार की सीमा में प्रवेश करते एक पिकअप चालक को देखा गया. जिसे रोक कर जब उसके वाहन की तलाशी ली गई. वाहन में 6 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा तहखाना बनाया हुआ था.
"तस्कर हरियाणा से 95 कार्टन शराब लेकर तस्कर सुपौल जा रहा था. वाहन के तहखाने से 95 पेटियों में रखी 860 लीटर अंग्रेजी शराब और एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है. उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए जेल भेज दिया गया."-देवेंद्र प्रसाद, उत्पाद अधीक्षक
तहखाने से मिला 95 पेटी शराब: पुलिस ने जब तहखाने के नट खोलना शुरू किया तो चालक भी भागने की फिराक में लग गया. लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया. तहखाने से 95 पेटियों में रखी 860 लीटर अंग्रेजी शराब देखकर पुलिस चौंक गई. पकड़ा गया चालक की पहचान हरियाणा के भिवानी के जुई थाना क्षेत्र के कुंडल का निवासी अमित कुमार उर्फ अमित सिंह उर्फ महेंद्र सिंह है.
सैकड़ों बार लेकर गया है शराब की खेप: उत्पाद विभाग के अधिकारियों की माने तो पुलिस गिरफ्त में आये तस्कर से जब उत्पाद विभाग की टीम ने जब पूछताछ करना शुरू की तो उसे पकड़े जाने का कोई अफसोस नहीं था. वह सैकड़ों बार शराब की खेप लेकर जा चुका है. गिरफ्तार अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए जेल भेज दिया गया. अब उसकी निशानदेही पर उत्पाद विभाग के पुलिस उसके समूचे नेटवर्क को खंगाल रही है.
कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे रही है हरियाणा मेड शराब :पिकअप वाहन से जो शराब बरामद हुई है वह सभी टेट्रा पैक में है. चालक सह तस्कर अमित के मुताबिक एक पैक की कीमत 70 रुपये है. इसे आसानी से 200 से 220 रुपये तक बिहार में बेच दिया जाता है. जबकि पहले से जो विभिन्न ब्रांड की शराब लाई जाती थी उसके प्रत्येक पैक की कीमत 150 रुपये है. ऐसे में उसे 250 रुपये में बेचने पर खरीदने वाले परेशान रहते थे.