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Published : Apr 28, 2021, 10:50 AM IST

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कोरोनाकाल में आंगनबाड़ी सेविकाएं निभा रहीं अहम भूमिका

कोरोना संक्रमण के उफान के बीच आंगनबाड़ी सेविकाएं गृह भ्रमण कर, लाभार्थी महिलाओं और शिशुओं की देखभाल कर रही हैं. फ्रंटलाइन वर्कर इस दौरान कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही पौष्टिक आहार लेने की जानकारी भी दे रही हैं.

Frontline workers in buxar
Frontline workers in buxar

बक्सर: कोरोना महामारी के समय महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाएं घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं. आंगनबाड़ी सेविकाएं, फोटो और कैलेंडर के माध्यम से पोषण से जुड़ी जानकारियां दे रही हैं. साथ ही कोविड-19 के नियमों का पालन और टीकाकरण के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.

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डोर टू डोर भ्रमण
संक्रमण काल में छोटे-छोटे बच्चों और माताओं को कुपोषण की समस्या से बचाने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) विभाग पूरी तरह से तत्पर है. इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं अपने पोषण क्षेत्र में डोर टू डोर भ्रमण कर लाभार्थी महिलाओं व शिशुओं की निगरानी में लगी हुई हैं.

इसके लिए लाभार्थी महिलाओं को फोटो और कैलेंडर के माध्यम से पोषण से जुड़ी जानकारी दी जा रही है. साथ ही, जिन बच्चों में कुपोषण के प्रारंभिक लक्षण नजर आ रहे हैं, उनके स्वास्थ्य की जांच कराने की सलाह भी दी रही है. जिससे बच्चे में जरूरी पोषक तत्व की कमी पता कर उसे समय रहते दूर किया जा सकेगा.

'गृह भ्रमण में महिलाओं को स्तनपान के साथ ही अनुपूरक आहार के रूप में हल्के भोजन के तौर पर दलिया, खिचड़ी, सूजी का हलवा सहित अन्य पोषक तत्व देने के लिए सेविकाओं द्वारा जागरूक किया जा रहा है. साथ ही, नवजात शिशु की माताओं को भी शिशु के छह महीने की उम्र तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने की सलाह दी जा रही है.'-महेंद्र कुमार, जिला समन्वयक, राष्ट्रीय पोषण मिशन

पांच सूत्रीय टिप्स
गृह भ्रमण के दौरान लोगों से मिलकर उन्हें पोषण के पांच सूत्र जैसे पहले हजार दिन, एनीमिया, डायरिया से बचाव, स्वच्छता, हाथों की सफाई और पौष्टिक आहार के बारे में गर्भवती और धातृ महिलाओं को उचित सलाह देकर जागरूक किया जा रहा है.

इसके अलावा बच्चों, महिलाओं व समुदाय में रहने वाले लोगों को सामान्य योगाभ्यास के लिए जागरूक करने के साथ ही किशोर-किशोरियों के साथ पोषण पर चर्चा की जा रही है.

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