बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बक्सर में डेंगू से पहली मौत, सिविल सर्जन ने दी सफाई - Dengue havoc in Buxar

बिहार के बक्सर में डेंगू से मौत (Death Due to Dengue in Buxar) का मामला सामने आया है. घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

बक्सर में डेंगू का कहर
बक्सर में डेंगू का कहर

By

Published : Oct 13, 2022, 8:41 PM IST

बक्सर:बिहार के बक्सर में डेंगू का कहर (Dengue havoc in Buxar) देखने को मिला है. जिले में डेंगू से पहली मौत के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. राजपुर प्रखंड के मंगराव पंचायत के उतड़ी गांव में दीपक कुमार नामक एक 24 वर्षीय युवक की डेंगू से मौत होने की बात सामने आई है. सिविल सर्जन ने सफाई देते हुए कहा है कि युवक को पटना में डेंगू के मच्छर ने डंक मारा था. जिस गांव के युवक की मौत हुई है, वहां अब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची है.

पढ़ें-पटना में डेंगू के 180 नए मामले मिले, विधायक ने कहा-सरकार इसकी रोकथाम में विफल



दशहरा पर घर आया था युवक: युवक पटना में रहकर पढ़ाई करता था वहां से दशहरा के पूर्व अपने गांव आया था. यहां बुखार होने पर वह स्थानीय चिकित्सकों से परामर्श और दवा लेकर काम चला रहा था. इसी बीच उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसे कोचस ले जाया गया, जहां से उसे वाराणसी रेफर किया गया. वाराणसी पहुंचने पर जांच के क्रम में यह ज्ञात हुआ कि उसे डेंगू है. इस आधार पर उसका इलाज शुरू किया गया लेकिन, उसकी मौत हो गई. जिसके बाद ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल कायम हो गया है.

ग्रामीणों में दहशत: घटना के बाद ग्रामीणों में काफी खौफ का माहौल है. उनका कहना है कि यदि किसी मच्छर ने उक्त युवक को काटा हो और वही मच्छर किसी दूसरे को काट ले तो निश्चित रूप से डेंगू फैल सकता है. इधर, स्वास्थ विभाग का कहना है कि युवक की मौत भले ही डेंगू से हुई हो और वह जिले का ही स्थायी निवासी हो लेकिन, वह पटना में रहता था जहां से उसे डेंगू हुआ और फिर उसका इलाज वाराणसी में किया गया. ऐसे में जिले में डेंगू से मौत कहना उचित नहीं है.


स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को डेंगू का डंक: स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजपुर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को भी डेंगू ने डंक मार दिया है. जिनका इलाज पटना में चल रहा है. हालांकि इस बात को लेकर सिविल सर्जन ने सिरे से खारिज किया है और कहा कि जिले में एक भी डेंगू का मरीज नहीं है.



स्थानीय लोगों में आक्रोश: डेंगू से मौत की बात सामने आने के बाद ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि डेंगू से मौत होने के बाद भी गांव में बुधवार की देर शाम तक स्वास्थ्य विभाग की टीम नही पहुंची , तो क्या यह माना जाए कि डेंगू को लेकर सतर्कता बरतने के डीएम के निर्देश का सही में अनुपालन हो रहा है?


क्या कहते है सिविल सर्जन: सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र नाथ का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है. सदर अस्पताल में जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. साथ ही सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू जांच की पर्याप्त सुविधा है. डेंगू होने का मतलब यह कतई नहीं कि आदमी की मौत हो जाएगी. बशर्ते उसका इलाज किया जाए और उसे फुल बेड रेस्ट उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि डेंगू के लक्षण सामने आने के बाद पैरासिटामोल दवा का ही प्रयोग करे, इसके अतिरिक्त और कोई भी दवा डेंगू में कारगर नहीं होगी.



"डेंगू होने पर शरीर में दर्द तेज बुखार सिर दर्द तथा उल्टी जैसे लक्षण सामने आते हैं. इस बीमारी से बचाव के लिए यह आवश्यक है कि घर के आस-पास ठहरे हुए पानी को साफ किया जाए कहीं भी जलजमाव ना रहने दिया जाए इसके साथ ही मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली दवाओं और क्रीम का भी प्रयोग किया जा सकता है. फिर भी यदि किसी को डेंगू हो जाए तो चिकित्सक की सलाह से वह पेरासिटामोल खाकर रोग से निजात पा सकता है."- डॉक्टर जितेंद्र नाथ, सिविल सर्जन

बहरहाल, ईटीवी भारत अपने पाठकों से यह अपील करता है कि, डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो दिशा निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन करें. घर के आसपास गंदा पानी ना जमा होने दें. साफ-सफाई को लेकर केवल नगर परिषद के भरोसे ना रहें और डेंगू के लक्षण होने पर चिकित्सकों से सलाह लेकर पेरासिटामोल दवा का उपयोग करते हुए, घर पर आराम कर स्वास्थ्य लाभ लेने की कोशिश करें.

पढ़ें-बिहार में डेंगू के डंक से लोग परेशान, बकरी के दूध की बढ़ी डिमांड


ABOUT THE AUTHOR

...view details