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Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: लिट्टी चोखा, अरहर की दाल, सोना चूर चावल के शौकीन थे अटल बिहारी, लाल मुनि चौबे से था गहरा नाता - Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee

राजनीति के आजाद शत्रु और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है. पूरा देश आज उन्हें याद कर रहा है. ऐसे में उनसे जुड़ी कई यादें आज भी लोगों के जेहन में तरोताजा है. स्वर्गीय वाजपेयी का बिहार के बक्सर से गहरा लगाव था. बिहार के व्यंजन अटल जी को यहां खींच लाते थे. पढ़ें पूरी खबर..

लिट्टी चोखा के शौकीन थे अटल बिहारी वाजपेयी
लिट्टी चोखा के शौकीन थे अटल बिहारी वाजपेयी

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Published : Aug 16, 2023, 3:39 PM IST

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पटनाःपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयीको भाजपा का पहला प्रधानमंत्री होने का गौरव हासिल हुआ था. अटल जी ने विकास के कई नए आयाम स्थापित किए थे और देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया था. आज उनकी पांचवी पुण्यतिथी है. ऐसे में बिहार के लोग उनकी यादों को संजोए हुए उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं. स्वर्गीय अटल का बिहार से काफी लगाव था. खास कर विश्वमित्र की धरती बक्सर जिला से. जहां के चार बार के सांसद रहे लाल मुनि चौबे उनके बेहद करीबी थे.

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लाल मुनि चौबे, लिट्टी चोखा और वाजपेयी का रिश्ता : एक बार अटल बिहारी वाजपेयी लाल मुनि चौबे के घर आए थे, उस समय उनके साथ पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी भी थे. उस समय वाजपेयी जी ने लिट्टी चोखा भी खाया था. जो उनको काफी पसंद था. खिलाने वालों में जम्मू कश्मीर के वर्तमान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी थे.

अरहर की दाल और सोना चूर चावल के शौकीन थे अटल बिहारी :अटल बिहारी वाजपेयी को सिर्फ लिट्टी चोखा ही नहीं, बल्कि बिहार की पापड़ी और भभुआ स्थित अधौरा पहाड़ पर उपजन वाली अरहर की दाल और सोना चूर चावल भी खूब पसंद थे. इसके अलावा नेनुए की सब्जी और शुद्ध घी के साथ पतली रोटी भी उन्हें खूब भाती थी.

पूर्व प्रधानमंत्री को पसंद थे बिहार के व्यंजनःअटल बिहारी वाजपेयी जब भी बिहार आते थे इन डिशों को बड़े मन से खाते थे. ऐसी ही कई यादें हैं जो बक्सर से अटल बिहारी के अपनेपन का अनुभव कराती हैं. बिहार के ना होते हुए भी अटल बिहारी बाजपेयी खुद को बिहारी कहते थे और बिहार के व्यंजन से उनका खासा लगाव था. बिहारी व्यंजन अटल जी को बार-बार बिहार आने को मजबूर करता था. बक्सर से सांसद स्वर्गीय लाल मुनी चौबे अपने इलाके की खाद्य सामग्री अक्सर अटल जी को उपलब्ध कराते थे. लिट्टी चोखा तो अटल जी के पसंदीदा भोजन में शुमार था.

कार्यकर्ताओं ने भेंट की थी बक्सर की पापड़ीःअटल जी उस वक्त भी बक्सर आए जब स्वामी सहजानंद सरस्वती की मूर्ति का अनावरण करना था. इस दौरान भी अटल बिहारी वाजपेयी ने लिट्टी-चोखा खाना ही खाना पसंद किया था. लिट्टी-चोखा खाकर अटल जी ने काफी प्रसन्नता जाहिर की और अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि आपलोग जब भी हमसे मिलने आएं तो लिट्टी-चोखा जरूर लाएं. उस समय कार्यकर्ताओं ने उन्हें बक्सर की मशहूर पापड़ी भी भेंट की थी, बक्सर की पापड़ी भी उन्हें काफी पसंद थी.

"अटल जी हमारे बीच नहीं हैं यह हमारे लिए दुख का विषय है. अपने विकास कार्यों की वजह से देश की राजनीति में वह अमर हो चुके हैं. बिहार से उनका गहरा लगाव था वह जब भी बिहार आते थे लिट्टी चोखा जरूर खाते थे लिट्टी चोखा तो उनके पसंदीदा भोजन में शुमार था"-कुणाल, भाजपा कार्यकर्ता

बक्सर के आरएसएस कार्यकर्ता ने किया था श्राद्धकर्मःवहीं, भाजपा कार्यकर्ता सुमित श्रीवास्तव बताते हैं कि अटल जी जब पटना आते थे, तो पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया के आवास पर उनका आशियाना रहता था. पतली रोटी नेनुआ की सब्जी वह बड़े ही पसंद से खाते थे. कार्यकर्ताओं और नेताओं से उनका मेल जोल रहता था अपने स्वभाव की वजह से ही अटल जी आजाद शत्रु कहे जाते थे. बक्सर से अटल जी के रिश्ते की गहराई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकते है कि जब उनका निधन हुआ तो जिले के ही एक आरएसएस कार्यकर्ता मंटु सिंह ने खुद को अटल जी का मानस पुत्र बताते हुए उनका श्राद्धकर्म किया था.

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