बक्सर:जिले में न्यायाधीशों एवं न्यायिक कर्मियों द्वारा भैरव मंदिरकी साफ सफाई करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. अब न्यायाधीश के द्वारा इसका पूरी तरह से खंडन किया गया है. डालसा सचिव सह अपर एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार तिवारी (ADJ Dharmendra Kumar Tiwari) ने कहा कि, न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा मंदिर की सफाई की गई, मीडिया में चल रही ये खबर भ्रामक है, गलत है.
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डालसा सचिव ने कहा कि, न्यायिक कर्मियों की देखरेख में बक्सर के ऐतिहासिक किला स्थित बारूद घर ( barood ghar in buxar ) की सफाई की गई थी.पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशबीते 25 दिसंबर को बक्सर आए थे तो, बक्सर किला में अवस्थित सर्किट हाउस और उसके बगल में स्थित मंदिर के दर्शन करने भी गए थे. तब वहां खड़े होकर उन्होंने मंदिर के पास ही स्थित बारूद घर और किला मैदान के बीच की गंदगी को साफ कराने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को मौखिक निर्देश दिया था.
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धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि, मुख्य न्यायधीश के आदेश का अनुपालन करते हुए नगर परिषद के सहयोग से विधिक सेवा प्राधिकार बक्सर की देखरेख मे सफाई अभियान जारी है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने आगे कहा कि, मंदिर पर कोई साफ-सफाई नहीं की गयी. किला मैदान और बारूद घर के बीच जो गंदगी थी उसे साफ किया गया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि, किसी ने मीडिया में गलत पत्र का हवाला देकर यह खबर प्रकाशित करवा दी कि, मंदिर की चार घंटे तक सफाई की गई. उन्होने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि, वहां जाकर देखा जाना चाहिए कि मंदिर इतना छोटा है कि उसकी सफाई में क्या चार घंटे लग सकता है? मंदिर नहीं ऐतिहासिक धरोहर की सफाई की गई.
इतना ही नहीं डालसा के सचिव ने आगे कहा कि, 5 दिसंबर से प्रारंभ यह सफाई कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा.हम नगर परिषद के साथ मिलकर सफाई का यह अभियान जारी रखेंगे. पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देशानुसार सर्किट हाउस और भैरव मंदिर के बीच में पसरी गंदगी तथा सर्किट हाउस में स्थित ऐतिहासिक बारूद घर की साफ सफाई नगर परिषद के द्वारा करवाई जा रही है. गौरतलब है कि, पिछले दिनों यह खबर मीडिया में चल रही थी कि न्यायाधीशों एवं न्यायिक कर्मियों ने मंदिर की सफाई की.
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