औरंगाबाद:दाउदनगर नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 2 के निवासियों ने स्थानीय देवी मंदिर को निजी कब्जे से मुक्त कराने को लेकर नारेबाजी की. जिसको लेकर लोगों ने सीओ को ज्ञापन सौंपा है. ग्रामीणों ने पुराना शहर सोनतटीय क्षेत्र में खाता संख्या 576 प्लॉट 214 में स्थित देवी मंदिर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की. इसके साथ ही दाखिल खारिज पर रोक लगाने की भी अपील की.
औरंगाबाद: दलालों ने बेच दी मंदिर परिसर की जमीन, ग्रामीणों ने CO को सौंपा गया ज्ञापन
मंदिर परिसर की जमीन को निजी कब्जे से मुक्त कराने को लेकर स्थानीय लोगों ने हंगामा किया. उन्होंने सीओ से मंदिर बिक्री की जमीन का दाखिल खारिज और डिमांड को रद्द करते हुये मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की गयी है.
मंदिर को निजी कब्जे से मुक्त कराने की मांग
दाउदनगर शहर के पुरानी शहर में वार्ड 2 के नागरिकों के इस आवेदन पर वार्ड पार्षद सुमन कुमारी की ओर से भी अनुशंसा की गयी है. मांग करने वालों में प्रमुख रूप से सत्येंद्र कुमार, गुड्डू कुमार और विवेक कुमार समेत की लोगों ने संयुक्त हस्ताक्षरित आवेदन दिया है. संयुक्त आवेदन में कहा गया है कि सोनतटीय क्षेत्र के खाता 576 प्लॉट 214 एराजी 1 एकड़ 61 डिसमिल मालिक गैरमजरुआ जमीन है. उस पर लगभग सवा सौ सालों से पौराणिक देवी मंदिर निर्मित है. पहले यह मिट्टी का बना हुआ था, लेकिन 90 के दशक में पक्का निर्माण किया गया. पूरे मुहल्ले के लोग यहां पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. 1985- 86 में नगरपालिका सर्वे हुआ तो स्थानीय लोगों ने नाम लिखा लिया और जमीन को रंजन मल्लाह ने धीरे-धीरे बिक्री कर दिया.
दलाल के माध्यम से बिक्री की जा रही जमीन
वहीं, इस साल भी अगस्त सितंबर महीने में मंदिर के आगे की 6 डिसमिल जमीन भी श्वेता कुमारी और अन्य लोगों के नाम से बिक्री कर दी गई है. अभी तक 75 डिसमिल भूमि रंजन मल्लाह की ओर से बिक्री कर दी गयी है. जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है. वहीं, इस मामले में सीओ को सूचना भी दी गयी थी. आवेदन में कहा गया है कि वर्तमान में कुछ ही जमीन बच रही है और बाकि जमीन दलाल के माध्यम से बिक्री की जा रही है. स्थानीय लोगों ने मंदिर बिक्री की जमीन का दाखिल खारिज और डिमांड को रद्द करते हुये मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग सीओ से की गयी है. आवेदन की प्रतिलिपि डीएम, डीसीएलआर, एसडीओ और एसडीपीओ को भी भेजी गयी है.