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औरंगाबाद: शहीद संतोष के गांव में पसरा मातम, परिजनों का रो-रोकर है बुरा हाल - तमिलनाडु के चंद्रशेखर सी

जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर घात लगाकर कि हम आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 3 जवान शहीद हो गए, जिनमें से गाजीपुर के अश्विनी कुमार यादव, तमिलनाडु के चंद्रशेखर सी और बिहार के औरंगाबाद जिला के देवरा गांव के संतोष कुमार मिश्रा शामिल हैं.

औरंगाबाद
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Published : May 5, 2020, 5:20 PM IST

औरंगाबाद : जिले के गोह प्रखंड के देवहरा गांव में जैसे ही यह सूचना पहुंची कि जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में उनके गांव का लाल संतोष कुमार मिश्रा शहीद हो गए हैं. पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. जिसे भी ये सूचना मिली वह बदहवास हालत में संतोष के घर की तरफ दौड़ा पड़ा. घर में परिजनों में चित्कार मचा हुआ है. ग्रामीण अपने लाल के खोने से गमजदा हैं. लेकिन देश के लिए उसे शहीद होने पर उन्हें गर्व भी है.

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार की शाम मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए देश ने अपने 3 जवानों को खो दिया है. दो दिन पहले भी 5 जवान शहीद हुए थे. हंदवाड़ा में शहीद हुए तीनों जवान बिहार के औरंगाबाद जिले के देवहरा गांव के संतोष कुमार मिश्रा, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के अश्विनी कुमार यादव और तमिलनाडु के रहने चंद्रशेखर सी शामिल हैं. शहीद तीनों जवान सीआरपीएफ में कार्यरत थे. आतंकियों के मूवमेंट को पता करने के लिए निकले थे, जहां पहले से छिपे आतंकियों ने घात लगाकर इनके वाहन पर हमला कर दिया. जिसमें तीन जवान शहीद हो गए और 7 अन्य घायल हो गए हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

हर ग्रामीण के आंखों में है आंसू
सीआरपीएफ जवान संतोष के हंदवाड़ा में शहीद होने के बाद उनके गांव देवहरा में हर ग्रामीण के आंखों में आंसू है. ग्रामीण भावुक हैं और शहीद संतोष के घर से रह-रहकर चित्कार उठ रही है. संतोष के बड़े भाई विकास कुमार मिश्रा के आंखों की आंसू भी नहीं सूख रहे हैं. हालांकि उन्हें अपने भाई की देश पर बलिदान का गर्व है. शहीद सन्तोष के ढाई वर्षीय पुत्र को गोद में लिए विकास फफक पड़ते हैं.

शहीद संतोष की पत्नी

तीन बजे दिन तक हुई थी फोन पर बात
शहीद संतोष की पत्नी और उनका एक ढाई वर्ष का पुत्र इन दिनों गांव पर ही है. शहीद संतोष मिश्रा के भाई विकास मिश्रा ने बताया कि सोमवार को संतोष का फोन आया था और घर के सभी लोगों ने बात भी की थी. फोन से बात करने के कुछ घंटों के अंदर ही शहादत की खबर आ गई. वहीं, विकास ने बताया कि मुख्यालय से खबर मिलने के बाद गांव में मातम है. हालांकि गांव के हर एक लोग इस शहादत पर गर्व कर रहे है.

शहीद संतोष के गांव वाले

लॉकडाउन के चलते घर नहीं आ सके थे शहीद संतोष
शहीद संतोष के भाई विकास मिश्र ने बताया कि संतोष पिछले 4 महीने से घर नहीं आए थे, उन्हें पिछले महीने ही घर आना था. लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह घर नहीं आ सके और उसके बाद अब उन्हें उनकी शहीद होने की सूचना मिली है.

ईटीवी भारत इन सभी शहीद जवानों को करता है नमन
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले शहीद कांस्टेबल अश्वनी कुमार यादव और तमिलनाडु के रहने वाले शहीद कांस्टेबल चंद्रशेखर सी के देश के प्रति कर्तव्य, वीरता और दृढ़ देशभक्ति को सीआरपीएफ ने सलाम किया है. सीआरपीएफ ने कहा कि वे अपने शहीद के परिवारों के साथ खड़े हैं. देश के इन जवानों के शहादत व्यर्थ नहीं जाएगा. ईटीवी भारत इन सभी शहीद जवानों को नमन करता है.

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