औरंगाबाद : जिले के गोह प्रखंड के देवहरा गांव में जैसे ही यह सूचना पहुंची कि जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों से मुठभेड़ में उनके गांव का लाल संतोष कुमार मिश्रा शहीद हो गए हैं. पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. जिसे भी ये सूचना मिली वह बदहवास हालत में संतोष के घर की तरफ दौड़ा पड़ा. घर में परिजनों में चित्कार मचा हुआ है. ग्रामीण अपने लाल के खोने से गमजदा हैं. लेकिन देश के लिए उसे शहीद होने पर उन्हें गर्व भी है.
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार की शाम मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए देश ने अपने 3 जवानों को खो दिया है. दो दिन पहले भी 5 जवान शहीद हुए थे. हंदवाड़ा में शहीद हुए तीनों जवान बिहार के औरंगाबाद जिले के देवहरा गांव के संतोष कुमार मिश्रा, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के अश्विनी कुमार यादव और तमिलनाडु के रहने चंद्रशेखर सी शामिल हैं. शहीद तीनों जवान सीआरपीएफ में कार्यरत थे. आतंकियों के मूवमेंट को पता करने के लिए निकले थे, जहां पहले से छिपे आतंकियों ने घात लगाकर इनके वाहन पर हमला कर दिया. जिसमें तीन जवान शहीद हो गए और 7 अन्य घायल हो गए हैं.
हर ग्रामीण के आंखों में है आंसू
सीआरपीएफ जवान संतोष के हंदवाड़ा में शहीद होने के बाद उनके गांव देवहरा में हर ग्रामीण के आंखों में आंसू है. ग्रामीण भावुक हैं और शहीद संतोष के घर से रह-रहकर चित्कार उठ रही है. संतोष के बड़े भाई विकास कुमार मिश्रा के आंखों की आंसू भी नहीं सूख रहे हैं. हालांकि उन्हें अपने भाई की देश पर बलिदान का गर्व है. शहीद सन्तोष के ढाई वर्षीय पुत्र को गोद में लिए विकास फफक पड़ते हैं.