औरंगाबाद:जिले के बारुण में सोन नदी के किनारे अवैध बालू खनन को रोकने के लिए जिला खनन पदाधिकारी की तरफ से विभिन्न उपाय समय-समय पर किए जाते रहे हैं. खनन माफिया ने इस बार जल विद्युत परियोजना की बाउंड्री वाल तोड़कर उसके अंदर से बालू लदे वाहन निकालना शुरू किया था. इसके अलावा पुल पर से लगातार बालू लदे ट्रकों का परिवहन हो रहा है. इस मामले की शिकायत पर जिला खनन पदाधिकारी ने छापेमारी अभियान चलाया.
बालू माफियाओं ने डीएलआर ब्रिज को पहुंचाया नुकसान, DM ने की कार्रवाई - illegal sand mining
बारुण में अवैध बालू परिवहन करने वालों ने जल विद्युत परियोजना डीएलआर ब्रिज को क्षतिग्रस्त कर दिया है. जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी कार्रवाई की है.
पुल के टूटने की आशंका
इस बात की जानकारी देते हुए जिला खनन पदाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि लागतार अवैध बालू परिवहन के विरुद्ध कारवाई की जा रही है. वहीं इसे रोकने को लेकर चेक पोस्ट व बैरिकेडिंग भी लगायी जा रही है. उन्होंने बताया कि ट्रक व ट्रैक्टर से बालू के ढुलाई के कारण जल विद्युत परियोजना डीएलआर ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया है. जबकि इसके निर्माण का उद्देश्य हल्के वाहनों के आवगमन था. बड़े और ओवरलोडेड वाहनों के परिवहन से पुल के टूटने की आशंका बनी रहती है. वर्तमान में ब्रिज की रेलिंग पूरी तरह से टूट चुकी है. अगर ऐसा ही रहा तो विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो सकती है. विद्युत आपूर्ति बाधित होने से राजस्व का काफी नुकसान हो जाएगा.
लगाई गई बैरिकेडिंग
इसकी शिकायत मिलने पर जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे. जिलाधिकारी के निर्देश पर जल विद्युत परियोजना के डीएलआर ब्रिज के पास ही बैरिकेडिंग लगाई जा रही है ताकि बड़े वाहनों का आवगमन रोका जा सके. वहीं इस बैरिकेडिंग को लगाने से एनीकट घाट से अवैध बालू निकासी पर भी रोक लग सकेगी. इस तरह से बड़े वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बाधित हो जाएगा. इस अभियान में मौके पर बारुण प्रखण्ड के सीओ बसंत कुमार राय और प्रभारी थानाध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद अपने दल बल के साथ मौजूद थे.