औरंगाबाद: लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे छात्र और मजदूरों क वापस बिहार लाने के लिए आरजेडी ने सांकेतिक भूख हड़ताल की. आरजेडी कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार मजदूर और छात्र विरोधी नीति आपना रही है. ये भूख हड़ताल आरजेडी ऑफिस के साथ आरजेडी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों पर किया.
भूख हड़ताल पर बैठे आरजेडी कार्यकर्ता इस मौके पर जिला आरजेडी उपाध्यक्ष उदय उज्जवल ने बताया कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के निर्देशानुसार एक मई अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर बिहारी मजदूरों के सम्मान में सभी आरजेडी कार्यकर्ताओं ने उपवास रखा है. साथ ही उन्होंने बताया कि उपवास कार्यक्रम कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों और कार्यालय में रखा.
भूख हड़ताल पर बैठे आरजेडी कार्यकर्ता 'मजदूरों के प्रति असंवेदनशील है राज्य सरकार'
इसके अलावा आरजेडी जिलाध्यक्ष सुरेश मेहता ने कहा कि जो सब का कष्ट करे दूर उसे कहते हैं 'मजदूर' लेकिन आज बिहार की निकम्मी सरकार मजदूरों के प्रति असंवेदनशील है. बिहार से बाहर फंसे लगभग 25 लाख बिहारी मजदूरों के बारे में सरकार चिंतित नहीं है. इसीलिए आरजेडी सरकार को 2 हजार बस मुहैया करवा रही है. फिर भी बिहार सरकार घमंड में चूर होकर बस नहीं ले रही और ना अपने स्तर से कुछ व्यवस्था ही कर रही है.
सांकेति भूख हड़ताल पर बैठे आरजेडी कार्यकर्ता आरजेडी को विपक्षी दलों का समर्थन
आरजेडी ने जो राज्य से बाहर फंसे छात्र और मजदूर का मुद्दा उठाया है. उसे राज्यभर में अन्य विपक्षी पार्टियों का भी समर्थन मिल रहा है. आरजेडी की ओर से बस दिए जाने की पेशकश के बाद जन अधिकार पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी बिहार सरकार को बस देने की पेशकश की है.