औरंगाबाद: जिले में आ रहे प्रवासी मजदूरों की संख्या को देखते हुए मुख्य सचिव ने प्रशासन को यह निर्देश दया है कि अब गांव-गांव में क्वारंटीन सेंटर बनाये जाए. जहां कम कोरोना प्रकोप वाले राज्यों से आए मजदूरों को रखा जाएगा. इस निर्देश के बाद प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
मुख्य सचिव के आदेश के बाद शनिवार को जिले में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी और थाना प्रभारी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक की गई. जहां यह चर्चा क गई कि ग्राम स्तर पर स्थानीय विद्यालय में भी क्वारंटीन कैम्प बनाया जायेगा. बाहर से आने वाले प्रवासियों की दो जगह स्क्रीनिंग कराई जायेगी. सबसे पहले रेलवे स्टेशन पर फिर कैम्प में जांच होगी.
क्वांरटीन सेंटर का निरीक्षण करते अधिकारी हो गया है जगहों का चयन- डीएम
जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों को प्रखण्ड स्तरीय कैम्प में, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू से आने वाले प्रवासियों को पंचायत स्तरीय कैम्प में रखा जाएगा. इसके अलावा शेष राज्यों से आने वाले प्रवासियों को गांव स्तर पर बने क्वारंटीन कैम्प में रखने का निर्देश है. दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों को विशेष ध्यान देते हुए कैम्प में रखा जायेगा क्योंकि इन राज्यों में कोरोना फैलने की गति तेज है.
गठित की जाएगी टीम
बता दें कि मौजूदा समय में जो व्यक्ति जिस कैम्प में रह रहा है, वह वहीं रहेंगा. किसी को हटाया नहीं जायेगा. गांव स्तर पर बने क्वारंटीन कैम्प की देखभाल के लिए स्थानीय कर्मियों की एक कमेटी गठित की जायेगी. जिसमें स्थानीय मुखिया/वार्ड सदस्य और पंच, विद्यालय के प्रधानाध्यापक, मिड-डे मील प्रभारी और अन्य सहायक शिक्षक रहेंगे.