औरंगाबाद: शहर के नावाडीह मोहल्ले में पिछले 34 दिनों से एनपीआर, सीएए और एनआरसी के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है. धरना स्थल पर सरकार की ओर से बेचे जा रहे राष्ट्रीय परिसंपत्तियों पर आधारित एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. जिसमें यह संदेश देने की कोशिश की गई कि केंद्र की सरकार आम लोगों को धरने में उलझा कर राष्ट्रीय परिसंपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है.
औरंगाबाद: बिक रही राष्ट्रीय संपत्ति के खिलाफ नुक्कड़ नाटक का आयोजन
औरंगाबाद में एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ हो रहे धरना स्थल पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया. इस नाटक के माध्यम से यह दर्शाया गया कि सरकार आम लोगों को धरना में उलझाकर राष्ट्रीय संपत्ति को उद्योगपतियों के हाथों बेच रही है.
'चुपके-चुपके बेच रही है राष्ट्रीय संपत्ति'
प्रसिद्ध रंगकर्मी और बॉलीवुड कलाकार आफताब राणा ने औरंगाबाद के नावाडीह मोहल्ले में एनआरसी और सीएए के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरना स्थल पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया. उन्होंने 'शर्म करो सरकार' नाम से आयोजित नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की कि भारत की सरकार आम लोगों को हिंदू-मुस्लिम एनआरसी आदि मामलों में उलझा कर अपने एजेंडे पर काम कर रही है. केंद्र की सरकार ने देश मे ऐसी स्थिति निर्मित कर दिया है कि लोग धरना स्थल पर जा रहे हैं और सरहार चुपके-चुपके राष्ट्रीय परिसंपत्तियों को बेच रही है.
सरकारी संस्थाओं के निजीकरण का विरोध
आफताब राणा ने बताया कि रेलवे भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करता है, उसे निजी हाथों में बेचना घोर अपराध है. इसके अलावा बीएसएनएल, हवाई अड्डा, भारतीय जीवन बीमा निगम और अन्य सरकारी कंपनियों को बेचा जा रहा है. जिसका नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विरोध किया गया है और लोगों को जागृत करने की कोशिश की गई है. नाटक में इसके अलावा गिरती अर्थव्यवस्था पर भी सरकार पर प्रहार किया गया है.