औरंगाबाद: जिले के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियोंके बंद का व्यापक असर दिखा. जिले के देव, नबीनगर, कुटुम्बा और मदनपुर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में वाहनों का परिचालन और बाजार बंद रहा. कई सरकारी ऑफिस में भी कामकाज बंद रहा.
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मुठभेड़ में मारे गए थे चार नक्सली
नक्सलियों की इस बंदी की वजह से आमजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, पुलिस प्रशासन इसे लेकर अलर्ट पर है. गौरतलब है कि भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर टुनटुन सिंह उर्फ अमरेश भोक्ता (काठीलावा), सब जोनल कमांडर शिवपूजन यादव (ढिवरा), सब जोनल कमांडर सीता भुईया और सब जोनल कमांडर उदय पासवान गया जिले के डुमरिया प्रखंड के कोकनी-मंझरी के जंगल में हुए मुठभेड़ में मारे गए थे. इसके विरोध में नक्सलियों ने 24-25 मार्च को बंद घोषित किया.
सड़कों पर नहीं चले वाहन
औरंगाबाद के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों के भय से बाजार बंद रहे. दुकानें नहीं खुलीं. सड़कों पर वाहन नहीं चले. वहीं, बस स्टैंड में वाहन खड़े रहे और वाहन मालिक सहमें दिखे. औरंगाबाद जिले के एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने बताया कि सीआरपीएफ के जवानों को भी जगह-जगह तैनात किया गया है. सरकारी दफ्तरों और प्रमुख कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है."
नक्सलियों के डर से बंद बाजार. "पहाड़ी क्षेत्रों में अत्याधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है ताकि वे नक्सलियों पर पैनी नजर रख सकें और उनके किसी तरह के कार्रवाई को नाकाम कर सकें. आमलोगों से भी बंद के दौरान विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है."- सुधीर कुमार पोरिका, एसपी, औरंगाबाद