औरंगाबादः जिले में लगभग दो दर्जन मजदूरों को पिछले 5 महीने से एक रुपये भी वेतन नहीं मिला है. सभी मजदूर एनपीजीसी के अंतर्गत पेटी कांट्रैक्ट पर काम करने वाली स्योरलैंड कंपनी में काम करते हैं. वेतन नहीं मिलने से मजदूरों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
5 महीने से नहीं मिला वेतन
लॉकडाउन में बिहार सरकार और जिला प्रशासन बाहर से आ रहे मजदूरों के रोजगार की व्यवस्था कर रही है. वहीं दूसरी तरफ एनपीजीसी के अंतर्गत पेटी कांट्रेक्टर के तौर पर काम करने वाली कंपनी ने पिछले 5 महीने से दो दर्जन से अधिक मजदूरों के वेतन का भुगतान नहीं किया है.
खाने-पीने पर भी आफत
मजदूर प्रदीप कुमार, संतोष सिंह, संजय यादव ने बताया कि वे लोग पी सी कंपनी स्योरलैंड में काम करते हैं. पिछले 5 महीने से बगैर पैसे के जीवन-यापन कर रहे हैं. जिससे खाने पीने के लिए उन्हें घर से पैसा मंगवाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के समय काम बंद होने के कारण कोई काम भी नहीं मिला.
धरना प्रदर्शन की चेतावनी
मजदूरों ने बताया कि उनके पास न तो खाने को अनाज है और न ही रुपये बचे हैं. इस बात की शिकायत उन्होंने बिहार प्रदेश मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेश मंत्री भोला यादव से की. भोला यादव ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि प्रबंधन से उन्होंने इस संबंध में जल्द से जल्द भुगतान करने को कहा है. उन्होंने कहा कि मजदूरों के 5 महीने के वेतन का भुगतान और राशन की सप्लाई नहीं की गई तो वे कंपनी गेट के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे.
मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेश मंत्री भोला यादव मजदूरों के हक की रक्षा
बता दें कि एनपीजीसी में अधिकतर काम पेटी कांटेक्टरों को दिए गए हैं. पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली कंपनियां मजदूरों को बगैर भुगतान किए भागने के लिए बदनाम हैं. जिसके लिए कंपनी प्रबंधन पूरी तरह से जिम्मेदार है क्योंकि मजदूरों के हक की रक्षा करना एनपीजीसी का दायित्व है.