औरंगाबाद:फ्रेंड्स ऑफ आनंद के केंद्रीय अध्यक्ष चेतन आनंद अपने एक दिवसीय दौरे पर औरंगाबाद पहुंचे. जहां उन्होंने जिले के गोह प्रखण्ड मुख्यालय पर आयोजित एक सभा को संबोधित किया. सभा के बाद मशाल जुलूस निकाला गया. बताया जा रहा है कि पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के लिए उनके समर्थक राज्यभर में यह आयोजन कर रहे हैं. फ्रेंड्स ऑफ आनंद के आयोजक और केंद्रीय अध्यक्ष चेतन आनंद लगातार बिहार भर का दौरा कर रहे हैं.
पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन, गोह में निकाला गया मशाल जुलूस - चेतन आनंद
औरंगाबाद में पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग करते हुए नुक्कड़ सभा और मशाल जुलूस में करणी सेना और फ्रेंड्स ऑफ आनंद के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. सभी ने सांसद की रिहाई की मांग की.
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मशाल जुलूस
पूर्व सांसद आनंद मोहन के बड़े बेटे चेतन आनंद ने कहा कि जिस झूठे केस में उनके पिता आज आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं. उस केस का सच और साजिश को बिहार का बच्चा-बच्चा जनता है कि किस तरह एक गहरी राजनैतिक साजिश के उनके पिता और उनके साथियों को फंसाया गया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के साथ पटना में प्रेस के सामने आनंद मोहन और उनके साथियों को निर्दोष बताया था. पिछले लोकसभा चुनाव और प्रताप जयंती पर पटना में वे सार्वजनिक मंचों से आनंद मोहन की रिहाई की घोषणा भी कर चुके हैं. चेतन आनंद ने बिहार सरकार को याद दिलाते हुए कहा कि ऐसे में उनकी पुरजोर मांग है कि चुनाव से पहले सरकार उनकी ससम्मान दोषमुक्त रिहाई करें. उन्होंने कहा कि इस बार किसी प्रकार की बहानेबाजी को लोग धोखा मानेंगे और इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे.
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
चेतन आनंद ने कहा कि जहां कहीं शोषण और जुल्म हुए उनके पिता ने पीड़ीतों की मदद की. बिहार विभूति आनुग्रह बाबू की जन्मभूमि औरंगाबाद उनके मां-पिता की कर्मभूमि रही है. इंसाफ की इस लड़ाई में वह औरंगाबाद वासियों से सहयोग की अपील करने आये हैं. सभा में करणी सेना के नेता गौरव राणा ने भी उनकी रिहाई की मांग उठाई. साथ ही चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो सत्तारूढ़ पार्टियों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. सभा में तीन प्रस्ताव भी पारित किए गए. जिसमें समय रहते अगर आनंद मोहन की रिहाई नहीं हुई तो अभी से चुनाव तक एनडीए सांसदों और विधायकों का घेराव किया जाएगा. जिला मुख्यालय से प्रखंड और पंचायत स्तर तक मशाल जुलूस निकालकर प्रदर्शन किए जाएंगे. सरकार अगर इससे भी नहीं मानी तो आगे चक्का जाम और जेल भरो आंदोलन शुरू किए जाएंगे.