औरंगाबाद: सदर अस्पताल के डॉक्टरोंएवं कुछ नर्सों ने कम संसाधन में पिछले चार वर्षों से बंद पड़े आईसीयू (इंटेसिव केयर यूनिट) को वेंटिलेटर सिस्टम के साथ शुरू कर देश के सामने एक मिसाल पेश की है.
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औरंगाबाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों एवं कुछ नर्सों ने दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स),के डॉक्टरों से ऑनलाइन तकनीकी मदद लेकर पिछले चार वर्षों से बंद पड़े आईसीयू को वेंटिलेटर सिस्टम के साथ शुरू कर दिया है, जिससे अब तक कई मरीजों की जान बचाई जा चुकी है.
''कोरोना काल में मरीजों को लेकर जो स्थिति उत्पन्न हुई थी वह बेहद ही चिंताजनक थी, लेकिन तमाम मुश्किलों के सामने जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल, स्वास्थ्य कर्मचारी एवं जिला प्रशासन डटे रहे और उनके चौतरफा प्रयास से विशेषकर औरंगाबाद के सिविल सर्जन के द्वारा एक टीम तैयार की गई, जिसमें इंजीनियर एवं कई गेजेट्स के सहयोग से मुश्किलों को पार किया गया.''-डॉक्टर जनमेजय, आईसीयू प्रभारी, सदर अस्पताल
डॉक्टर जनमेजय ने बताया कि, 10 मई 2021 को औरंगाबाद सदर अस्पताल में आईसीयू वेंटिलेटर की शुरुआत की गई और तब से लेकर 24 मई 2021 तक 15 मरीजों को यहां भर्ती कराया गया, जिसमें कई लोग ठीक भी हुए हैं.
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''औरंगाबाद जिले में आईसीयू वेंटिलेटर शुरू करवाने में दिल्ली एम्स के चिकित्सकों का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है. दिल्ली एम्स में कार्यरत खासकर संजीव कुमार घोई जो एक विशेषज्ञ चिकित्सक हैं, इनका ट्रामा सेंटर और कोविड सेंटर में विशेष अनुभव प्राप्त है."-डॉक्टर जनमेजय, आईसीयू प्रभारी, सदर अस्पताल