बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह आरा:भोजपुर के बड़हरा से बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आरजेडी सांसद मनोज झाके 'ठाकुर' वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि कि ये मनोज झा कौन है? राजनीति में यह व्यक्ति लफुआ की तरह दिखता है. ये कितना बड़ा विद्वान और राजनीतिज्ञ है, इसकी जानकारी हमें नहीं है लेकिन जिस तरह से इनके द्वारा ठाकुरों के खिलाफ जो टिप्पणी की गई है, वह न केवल निंदनीय है, बल्कि अक्षम भी है. फिर भी उनको अपने बयान के लिए फौरन माफी मांगनी चाहिए.
ये भी पढ़ें: Thakur Vs Brahmin Dispute: मनोज झा के समर्थन में उतरे RJD प्रवक्ता, कहा- 'अपनी सीमा में रहे BJP विधायक वर्ना..'
मनोज झा को सिर कलम करने की धमकी दी:राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मनोज झा को मालूम नहीं है कि ठाकुरों ने जो बलिदान, त्याग और आदर्श का परिचय दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. इसलिए मैं उनको चेतावनी देता हूं कि अगर मनोज झा ठाकुरों के खिलाफ बयान देंगे तो सेकंड नहीं लगेगा और आपकी गर्दन काटकर हाथ में थमा देंगे. बीजेपी विधायक ने कहा कि अगर वह अपने बयान को वापस नहीं लेंगे तो भविष्य में क्षत्रिय के आक्रोश का सामना करने के लिए वह तैयार रहें.
"मनोज झा आप एक बात शायद भूल गए कि राजपूत वो भी है, जो सेकेंड नहीं लगेगा और आपका गर्दन उतारकर आपके हाथ पर रख देंगे. समझ गए, पुरानी कहानी याद मत दिलवाइये. इसलिए आपने जो कहा है, उसको वापस लीजिए, क्षत्रियों से माफी मांगिये नहीं तो भविष्य में क्षत्रिय के आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहिये"- राघवेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक, बीजेपी
लालू के प्रति नरम दिखे राघवेंद्र प्रताप सिंह: क्या आरजेडी चीफ लालू यादव के शह पर ठाकुर बनाम ब्राह्मण विवाद को तूल दिया जा रहा है? इस सवाल पर बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अफसोस ये है कि अब मैं आरजेडी में नहीं हूं. अगर मैं आरजेडी में रहता तो मुझे विश्वास है कि इस बयान पर लालू जी मेरे सामने इस व्यक्ति को बुलाकर खींचकर एक थप्पड़ जरूर मारते. उन्होंने कहा कि मेरी आनंद मोहन और अन्य आरजेडी नेताओं से अपील है कि वह लालू के पास जाएं और मनोज झा को पार्टी से निकालने के लिए मांग करे.
मनोज झा ने ठाकुरों पर क्या बोला था?:दरअसल, महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता 'ठाकुर का कुआं' की पंक्ति को पढ़ा था. साथ ही कहा था कि हम सब के अंदर एक ठाकुर है, जिसे हमें मार देना चाहिए. इस बयान का राजपूत समाज के नेता विरोध कर रहे हैं. आपको बताएं कि देश के कई इलाकों में 'ठाकुर' आमतौर पर राजपूत विरादरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है.