भोजपुर में समाधान यात्रा की तैयारी भोजपुरः बिहार के भोजपुर में गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार की सामधान यात्राहै. इस दौरान मुख्यमंत्री भोजपुर में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं का जायजा लेंगे. इन्हीं योजनाओं में शामिल है सकड्डी में बनाया गया फिश फार्मिंग प्लांट और बर्फ प्लांट (Fish Farming and Ice Plant in Bhojpur). इन दो योजनाओं से इलाके के युवाओं को रोजगार देने का प्रयास किया गया है. मुख्यमंत्री विशेष रूप से इसका जायजा लेंगे. इसको लेकर मत्स्य विभाग और जिला प्रशासन तैयारी में जुटे हुए हैं. सारा काम अंतिम चरण में चल रहा है.
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गुरुवार को सीएम का दौराः19 जनवरी को सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा के दौरान भोजपुर जिले का दौरा करेंगे. सीएम के दौरे को लेकर भोजपुर जिला प्रशासन पूरी तैयारी में जुटा है. समाधान यात्रा के दौरान सीएम सबसे पहले कोईलवर प्रखंड के सकड्डी पहुंचेंगे. यहां वह सकड्डी में बनाये गए फिश फार्मिंग प्लांट का निरीक्षण करेंगे. कोईलवर के सकड्डी में मौजूद त्रिशा त्रिशान इंडस्ट्री और जिला मत्स्य विभाग के प्रयास से फिश प्लांट बनाया जा रहा है. इस फिश प्लांट में बायो फ्लॉक विधि से फिश फार्मिंग की जा रही है.
"हमलोगों की तैयारी पूरी हो चुकी है. सीएम को आईस प्लांट दिखाना है. यह कोल्ड स्टोरेज भी दिखाना है. बायोफ्लाॅक टैंक और पोंड दिखाना है. आने वाले कुछ दिनों में एक्वा टूरिज्म जो यहां बनेगा. उसके बारे में बताया जाएगा. इसके माध्यम से आने वाले समय से सीधे तौर पर 40 से 50 लोगों को रोजगार मिलेगा और अप्रत्यक्ष रूप से 300 से 400 लोगों को रोजगार दिया जाएगा"-यशवंत कुमार,प्रबंधक,त्रिशा-त्रिशान फिश इंडस्ट्री
बायोफ्लाॅक विधि से की जा रही फिश फार्मिंगः फिश फार्मिंग के साथ ही मछली खरीदने वालों के लिए उसी जगह आइस फैक्ट्री बनाकर उन्हें बर्फ उपलब्ध कराने और कोल्ड स्टोरेज बनाकर उसमें मछलियों को संरक्षित किये जाने की तकनीक को भी सीएम देखेंगे. सकड्डी स्थित इस प्लांट में बन रहा कोल्ड स्टोरेज बिहार में पहला है, जहां मछलियों को संरक्षित करके रखने की योजना है. एक्वा कल्चर के तहत बने इस प्लांट में बायो फ्लॉक तकनीक से पोखरे का भी निर्माण कराया गया है, जो अपने आप में खास है. सीएम के दौरे के बाद इस जगह को एक्वा टूरिज्म के तौर पर तैयार किया जाएगा. नीतीश कुमार को इसकी भी जानकारी दी जाएगी.
"आज रोजगार सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रोजगार है. सबको सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है, लेकिन मत्स्य क्षेत्र में स्वरोजगार की व्यापक संभावना है. इसी के मद्देनजर विभाग ने प्रयास किया है कि नए टेक्नोलाॅजी से मत्स्य उत्पादन पर जोर दिया जाए और अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार और रोजगार मिल सके. इसी के तहत फिश फार्मिंग और आइस प्लांट का निर्माण किया जा रहा है. इस पूरे इलाके में बर्फ बनाने की फैक्ट्री नहीं थी. इस कारण मछुआरे मछलियों को यूं ही ले जाकर औने-पौने दाम पर बेचा जाता था. अब मछुआरे बर्फ का इस्तेमाल कर ज्यादा अवधि तक मछली बेच सकेंगे"- मनीष श्रीवास्तव,जिला मत्स्य पदाधिकारी,भोजपुर