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बहुचर्चित दुष्कर्म मामला: RJD विधायक अरुण यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल - पोक्सो की विशेष लोक अभियोजक सरोज कुमारी

18 जुलाई को आरा की एक किशोरी से पटना में देह व्यापार का जबरन धंधा कराने का मामले में विधायक का नाम सामने आया था. 13 सितंबर 2019 को कोर्ट से वारंट मिलते ही पुलिस विधायक की गिरफ्तारी में जुट गई. लेकिन आज भी वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

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विधायक अरुण यादव

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Published : Jan 25, 2020, 1:56 PM IST

भोजपुरः बहुचर्चित दुष्कर्म कांड में फरार चल रहे संदेश के आरजेडी विधायक अरुण यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. आरा की पोक्सो अदालत में एक नाबालिग से दुष्कर्म मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. भूमिगत चल रहे विधायक अरुण यादव की अचल संपत्ति कुर्की करने का आदेश पहले ही कोर्ट दे चुकी है. पोक्सो की विशेष लोक अभियोजक सरोज कुमारी ने बताया कि कुर्की जब्ती की कार्रवाई भी एक दो दिन में पूरी कर ली जाएगी.

दुष्कर्म समेत कई धाराओं में दोषी हैं विधायक
पोक्सो की विशेष लोक अभियोजक सरोज कुमारी ने बताया कि आरजेडी विधायक अरुण यादव के विरुद्ध 376, 366D, 376F, 370, 370A, 376AB, 376D, 5(सी) अनैतिक व्यापार निवारण (अधिनियम) की धारा 4/6/8, लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और किशोर न्याय संरक्षण की धारा-75 के तहत आरोप पत्र समर्पित किया गया है. चार्जशीट के अनुसार पुलिस ने जांच में विधायक को दुष्कर्म, गैंग रेप और पॉक्सो समेत दर्जन भर धाराओं में दोषी पाया है.

कई और लोगों पर होगी कार्रवाई
आरजेडी विधायक अरुण यादव पर चार्जशीट दाखिल होने के साथ ही जेल में बंद चार अन्य अभियुक्तों को सजा दिलाने की कार्यवाई भी तेज होगी. अब पुलिस विधायक की अचल संपत्ति जब्त करेगी. इस कार्रवाई से आरजेडी विधायक की विधानसभा की सदस्यता पर भी असर पड़ सकता है. इस दुष्कर्म कांड में गिरफ्तार इंजीनियर अमरेश सिंह, अनीता देवा, संजीत कुमार उर्फ छोटू और धंधे का सरगना संजय कुमार उर्फ जीजा के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.

आरा व्यवहार न्यायालय

पुलिस को नहीं मिला विधायक का सुराग
इस कांड में पुलिस की शिथिलता को देखते हुए पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश आरके सिंह ने केस के आईओ को कई बार डांट भी लगाई थी. क्योंकि दुष्कर्म कांड में नाम आने के चार माह बाद भी पुलिस विधायक को गिरफ्तार करने में विफल रही. पुलिस वारंट लेकर विधायक के ठिकानों पर दौड़ती रही, लेकिन पुलिस को उनका कोई सुराग नहीं मिल सका.

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किशोरी के बयान के बाद जारी हुआ वारंट
बता दें कि बीते 18 जुलाई को आरा की एक किशोरी से पटना में देह व्यापार का जबरन धंधा कराने का मामले में विधायक का नाम सामने आया था. उस मामले में शामिल अनीता देवी और उसके सहयोगी संजीत कुमार के खिलाफ आरा टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. पुलिस ने तत्काल दोनों को गिरफ्तार कर लिया. सेक्स रैकेट कांड की पीड़ित बच्ची का भी आरा कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज किया गया. दोनों आरोपियों और किशोरी के बयान के बाद इस धंधे में शामिल संजय पासवान, मनरेगा इंजीनियर अमरेश कुमार सिंह और विधायक का नाम सामने आया. जिसके बाद से ही पुलिस विधायक को गिरफ्तार करने के फिराक में लग गई.

गिरफ्तारी के लिए अब तक खाक छान रही पुलिस
उधर 11 सितंबर को जब गिरफ्तारी वारंट जारी होने की भनक लगी तो विधायक अरुण यादव भूमिगत हो गए.13 सितंबर को कोर्ट से वारंट मिलते ही पुलिस गिरफ्तारी में जुट गई. इसे लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी गई. पटना पुलिस उनके सरकारी आवास और भोजपुर के हर ठिकाने पर पहुंची. लेकिन कोई सपलता नहीं मिली. पटना स्थित सरकारी आवास पर अब तक तीन बार छापेमारी की जा चुकी है. गिरफ्तारी या सरेंडर नहीं किये जाने पर 22 सितंबर को विधायक के लसाढ़ी स्थित पैतृक घर की कुर्की भी की गई. इसके बाद भी विधायक फरार चल रहे हैं.

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