आराःजिस तरह रोहतास धान के कटोरा से मशहूर है, उसी तरह भोजपुर के सोन नदी का तटवर्तीय इलाका आलू का कटोरा से मशहूर है. ये इलाका आलू की पैदावार के लिए पोटैटो हब है.
विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है आलू
भोजपुर आलू की पैदावार के लिए काफी प्रसिद्ध है. इस इलाके में आलू की काफी अच्छी उपज होने के कारण यहां से आलू विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है. इस साल भी सोन तटवर्तीय इलाके फहरंगपुर, चंदा, दौलतपुर, बहियारा, चांदी, खानगांव,कामनगरे समेत कई पंचायतों में आलू की अच्छी पैदावार हुई है.
ठंड के कारण अच्छी नहीं हुई पैदावार
आलू की खेती के बारे में जब कुछ किसानों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पहले 10 बोरा प्रति कट्ठा आलू की पैदावार होती जाती थी. इस साल 4 से 5 बोरा ही पैदावार हुई है. बारिश हई थी. मौसम ठंडा हो गया जिससे आलू की पैदावार अच्छी नहीं हुई. फायदा भी ज्यादा नहीं हुआ. सरकार की तरफ से हम किसानों को कुछ नहीं मिला है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 50% कम पैदावार हुई है जिस कारण किसानों को नुकसान हुआ है.