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भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज पर कटाव का खतरा, मंत्री बोले- गंगा के बीच कोई भवन बनाएगा तो उसे कैसे बचाएं?

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Published : Sep 5, 2021, 4:35 PM IST

गंगा में आयी बाढ़ से भागलपुर का ज्यादातर इलाका जलमग्न हो गया है. इसके साथ ही नदी के किनारे लगातार कटाव जारी है. जिससे जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैं. वहीं, भागलपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज पर भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

कटाव
कटाव

भागलपुर: बिहार के भागलपुर में गंगा नदी (River Ganga) उफान पर है. जिससे नदी किनारे बड़े पैमाने पर कटाव (Erosion) जारी है और इसे रोकना जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. वहीं, अब नदी की तेज धार से भागलपुर के सबौर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज (College of Engineering) पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि कुछ दिन पूर्व दौर पर आये सीएम नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) ने इंजीनियरिंग कॉलेज को कटाव से बचाने का आश्वासन जिले वासियों और संबंधित विभाग को दिया था. लेकिन जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा (Minister Sanjay Kumar Jha) ने कटाव को लेकर कहा कि गंगा के बीच में कॉलेज भवन बनाने की जगह नहीं है.

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बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया था. इसके बाद कटाव से इंजीनियरिंग कॉलेज को बचाने का उन्होंने निर्देश दिया था. जिसके बाद जिलाधिकारी ने इंजीनियरिंग कॉलेज के पिछले हिस्से का विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया और देखा कि गंगा के कटाव से इंजीनियरिंग कॉलेज के पिछले हिस्से के बाउंड्री वॉल को नुकसान हुआ है. जिसे रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कटाव निरोधी कार्य भी किये. लेकिन गंगा का कटाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

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ऐसे में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा का गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है. भागलपुर दौरे के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज के बचाव के लिये विभाग द्वारा किये जा रहे उपाय के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि कोई गंगा के बीच में भवन बना लेगा तो उसे हम कैसे बचाएंगे.

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कॉलेज की प्राचार्य डॉ. पुष्पलता ने बताया कि हर वर्ष बाढ़ से कॉलेज को नुकसान होता है. इस वर्ष भी अलग-अलग डिपार्टमेंट के करीब 25 लाख का इंस्ट्रूमेंट खराब हुआ है. छोटे इंस्ट्रूमेंट कंप्यूटर आदि को पहले फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया गया. लेकिन जो बड़े इंस्ट्रूमेंट हैं, जिसे हटाया नहीं जा सकता, वह खराब हो गए. इसके अलावा पढ़ाई भी बाधित हो रही है. बाढ़ का पानी बढ़ने से छात्रों को हॉस्टल खाली कराना पड़ा. कॉलेज की बाउंड्री के पास 30 फीट से अधिक पानी है. हमेशा डर बना रहता है कहीं कॉलेज का हिस्सा गंगा के कटाव में न चला जाये. कॉलेज प्रशासन की तरफ से विभाग को समय-समय पर जानकारी दी जाती है. जिला प्रशासन और विभाग को कटाव निरोधी कार्य करने का अनुरोध किया गया है. मैंने भी इस संबंध में जिला प्रशासन और विभाग को लिखा है.

'प्रोटेक्शन किया हुआ है आप गंगा में जाकर भवन बना दीजिए, वह जगह है बनाने का? तो विभाग क्या करे?' -संजय कुमार झा, जल संसाधन मंत्री

'इंजीनियरिंग कॉलेज लाल मिट्टी पर बना हुआ है. 25 साल से बाढ़ का पानी इंजीनियरिंग कॉलेज को छू नहीं सका है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कहा है वह बाढ़ के पानी को कॉलेज में प्रवेश करने से रोकने के लिए कहा है. उन्होंने कटाव के बारे में नहीं बोला है. बाढ़ का पानी प्रवेश इंजीनियरिंग कॉलेज में होता है उसे रोकने के लिए बोला है.' -सांसद अजय कुमार मंडल

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