भागलपुर: विशेष केंद्रीय कारागार में कोरोना वायरस से लगातार कैदियों की मौत हो रही है. इसके बाद अब शहीद जुब्बा साहनी केंद्रीय कारागार में भी कोरोना की एंट्री हो गई है. विगत 1 सप्ताह में केंद्रीय कारागार में कुल तीन कैदी समेत दो जेल कर्मी की मौत वायरस की चपेट में आने से हो चुकी है. दोनों जेल कर्मी जुब्बा साहनी कारागार से हैं.
जेल में बढ़ा है सुरक्षा को खतरा
भागलपुर के केंद्रीय विशेष कारागार को कैंप जेल के नाम से जाना जाता है. राज्य के सबसे सुरक्षित जेलों में से एक जेल है. राज्य के अन्य जेलों में भी जब कैदियों का आतंक होने लगता है तो इसी जेल में शिफ्ट कर दिया जाता है, लेकिन फिलहाल इस जेल की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है. यह किसी और से नहीं बल्कि कोरोना वायरस से हुआ है.
यहां चार कैदियों की मौत कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है. जेल प्रशासन से लेकर मुख्यालय के अधिकारी इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि इतनी सतर्कता के बाद भी जेल के अंदर कोरोना की एंट्री कैसे हो गई.
विशेष केंद्रीय जेल में तीन कैदी समेत दो जेल कर्मी की कोरोना से मौत. सावधानी के बाद भी जेल में पहुंचा कोरोना वायरस
इस संबंध में जेल अधीक्षक का कहना है कि जो भी स्टॉफ परिसर से बाहर रहते हैं उन्हें जेल के बाहर ही पोस्ट पर ही ड्यूटी दी जा रही है. ताकि अंदर उनका प्रवेश न हो, जो गिरफ्तार होकर जेल भेजें जा रहे हैं उन्हें भी पहले मुंगेर जेल भेजा जा रहा है और 14 दिन के आइसोलेशन के बाद इस जेल में लाया जा रहा है. उनका कहना है कि इतनी सावधानी है फिर भी वायरस कैसे अंदर पहुंच गया पता नहीं चल पा रहा है.
इन कैदियों की हुई है मौत
मरने वाले कैदियों में 77 वर्षीय कैदी विश्वनाथ चौधरी की मौत मायागंज के आईसीयू में इलाज के दौरान हुई वह नालंदा जिले के रहने वाले थे. साथ ही 35 वर्षीय विपुल झा और 45 वर्षीय ओमनाथ शामिल हैं. इसके अलावा दो जेल कर्मी की भी कोरोना से मौत हुई है. जेल के दीवान जफर हुसैन ने कहा कि जेल को कोरोना संक्रमण से बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है. अभी तक पूरे राज्य में सिर्फ भागलपुर विशेष केंद्रीय कारागार में ही कैदियों की मौत कोरोना वायरस से हुई है.
जेल में बनाया गया है क्वॉरंटीन सेंटर
संक्रमण को देखते हुए जेलों के भीतर मौजूद जेल अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की संख्या बढ़ाई जा रही है. साथ ही बंदियों और जेल कर्मियों के लिए जेल के भीतर ही क्वॉरंटीन सेंटर बनाया गया है, ताकि सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से भी उन पर नजर रखी जा सके. इसके अलावा जो भी मरीज की हालत बिगड़ेगी उन्हें मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.
इस जेल में परिंदा भी नहीं मार सकता पर
केंद्रीय विशेष केंद्रीय कारागार की क्षमता 3288 कैदियों की है और इस जेल में 1000 से 1200 कैदी बंद रहते हैं. ऐसे में सवाल है कि अगर संक्रमण तेजी से फैला तो कैदियों का क्या होगा. विशेष केंद्रीय कारागार की विशेषता यहां का थर्ड सेक्टर है. उस सेक्टर की ऐसी सुरक्षा रहती है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता. इसी जेल में दिनों बीते दिनों शहाबुद्दीन, अनंत सिंह और इंजीनियर हत्याकांड के मास्टरमाइंड संतोष झा को इसी जेल में रखा गया था.