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सेंचुरी पार कर चुके इन वृद्धों ने सभी प्रधानमंत्री को अपनी आंखों के सामने बदलते देखा है

कहलगांव विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले 103 वर्षीय ताले मंडल से जब पूछा गया कि बैलेट पेपर और ईवीएम मशीन में कौन सा आसान है तो उन्होंने दोनों को आसान बताया.

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Published : Apr 2, 2019, 11:54 PM IST

ताले मंडल

भागलपुरः राज्य में कई ऐसे मतदाता हैं, जो आजादी के बाद से लगातार मतदान करते आए हैं. लोकतंत्र के त्योहार में अपना बहुमूल्य मत देने वाले इन मतदाताओं ने भारत को पीएम और राज्य के सीएम के बदलते चेहरे भी देखे हैं. इन बदलते चेहरों के पीछे इनके एक मत का भी अहम योगदान रहा है.

कहलगांव विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले 103 वर्षीय ताले मंडल से जब पूछा गया कि बैलेट पेपर और ईवीएम मशीन में कौन सा आसान है तो उन्होंने दोनों को आसान बताया. उन्होंने कहा कि यह बताने वाली बात नहीं है की कहां मतदान देते हैं. बस मतदान के समय अपना मत डाल देते हैं. वहीं 102 बरस की बातों देवी से पूछा गया कि आप किस आधार पर वोट करते हैं तो उन्होंने कहा कि उनके समय में नाम के आधार पर वोट डाल देते थे.

100 साल के मतदाता

सुनने में निशक्त हो चुकी बातों देवी अब मतदान के दिन अपना मत डालने के लिए पोता - पोती के सहारे मतदान केंद्र तक जाती हैं. बातों देवी की बहु अंजनी देवी ने बताया कि इस उम्र में भी दादी मां वोट डालने के लिए काफी उत्साहित रहती हैं.मतदान के दिन वो सुबह जग कर, नहा धो कर नए कपड़े पहनकर मतदान केंद्र पर पहला मत डालने जाती है.

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