भागलपुर: देश में पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है. पीने के लिए कहीं साफ पानी नहीं है. जिले में पीएचईडी विभाग की ओर से प्रभावित इलाकों में वाटर प्लांट लगाया गाया ताकि लोगों तक पीने का पानी आसानी से पहुंच सके. लेकिन, कुछ लोग इस पानी का दुरुपयोग करने में लगे हैं. इसे लेकर स्विट्जरलैंड की संस्था ईवाग और भारत की परिधि संस्था लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए पहुंची है.
दरअसल, कुछ इलाकों में पीने का उचित पानी नहीं पहुंच पा रहा है. इसके लिए पीएचईडी विभाग ने प्रभावित इलाकों में वाटर प्लांट लगाया है. लेकिन, लोग इस पानी को पीने के बजाय इसका उपयोग कपड़ा धोने और बर्तन आदि साफ करने में करते हैं. इसको लेकर स्विट्जरलैंड की संस्था ईवाग के चेयरमैन मिस्टर बेंजामिन और परिधि संस्था के निदेशक उदय कुमार और पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता विकास सिंह ने लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाया.
प्रभावित क्षेत्र में लगे प्लांट
इस कार्यशाला में आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हुए. जिन्होंन पीएचईडी डिपार्टमेंट की ओर से प्रभावित क्षेत्र में लगाए गए प्लांट के सदुपयोग के बारे में लोगों को बताया. साथ ही आर्सेनिक और फ्लोराइड रिमूव के लिए पीएचइडी डिपार्टमेंट की ओर से लगाए गए प्लांट के पानी के महत्व को समझाया.
लोगों में जागरुकता की कमी
इस दौरान ईवाग संस्था के चेयरमैन मिस्टर बेंजामिन ने बताया कि फ्लोराइड और आर्सेनिक को रिमूव करने के लिए पीएचईडी डिपार्टमेंट की ओर से इफेक्टेड एरिया में प्लांट लगाए गए हैं. मगर वहां के लोगों में जागरूकता की कमी है. इस वजह से लोग उसका दुरुपयोग कर रहे हैं.
स्विट्जरलैंड की संस्था ने दी लोगों को सीख
चेयरमैन मिस्टर बेंजामिन ने बताया कि स्विट्जरलैंड की ईवाग संस्था और भारत की परिधि संस्था मिलकर वहां के लोगों को जागरूक करने के लिए प्रोग्राम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पीएचईडी विभाग की ओर से लगाए गए वाटर प्लांट को अपना समझें, उसके पानी का दुरुपयोग न करें. उन्होंने बताया कि हम लोगों का फ्यूचर प्लान है कि प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाए ताकि पीएचईडी डिपार्टमेंट की ओर से लगाए गए प्लांट को सफल बनाया जा सके.
पानी के सदुपयोग के लिए हो रहा काम
वहीं, पीएचईडी डिपार्टमेंट के कार्यपालक अभियंता विकास कुमार ने बताया कि परिधि और स्विट्जरलैंड की संस्था ने मिलकर वाटर प्लांट के सदुपयोग के लिए प्रोग्राम कर रहा है. इसमें हमलोग मदद कर रहे हैं. यहां के लोग वाटर प्लांट के प्यूरीफाइड पानी को मवेशी धोने, नहाने और कपड़ा धोने में बर्बाद कर रहे हैं. जबकि प्लांट का पानी पीने और खाना बनाने के लिए लगाया गया है.