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झांसी एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेन्द्र पर प्रदेश में भी मचा बवाल, जाप ने की कार्रवाई की मांग

जिला अध्यक्ष राजकुमार यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ छात्रों ने मोर्चा खोला है. छात्रों का आरोप है कि बीते दिनों पुलिस ने एक व्यवसायी का फर्जी एनकाउंटर कर दिया था. जिसके विरोध में वे जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं.

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Published : Oct 10, 2019, 6:36 PM IST

झांसी के पुष्पेंद्र यादव के फर्जी एनकाउंटर पर मचा बवाल,

भागलपुर/जमुई: झांसी के पुष्पेंद्र यादव की मौत के बाद हर तरफ बवाल मचा हुआ है. ऐसे में बिहार के अलग-अलग जिलों में गुरुवार को छात्रों ने यूपी के मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. बता दें कि जाप ने कचहरी चौक पर योगी आदित्यनाथ का पुतलादहन किया. वहीं दूसरी ओर भागलपुर में भी युवा शक्ति और जन अधिकार छात्र परिषद ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर का फर्जी एनकाउंटर किया है. जिसके विरोध में वे जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं.

फर्जी एनकाउंटर पर हंगामा करते जाप कार्यकर्ता

जिला अध्यक्ष राजकुमार यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ छात्रों ने मोर्चा खोला है. छात्रों का आरोप है कि बीते दिनों पुलिस ने एक व्यवसायी का फर्जी एनकाउंटर कर दिया था. एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए शहर के घंटाघर चौक और कचहरी चौक पर यूपी के मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया. छात्रों की मांग है कि सभी दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.

दोषियों पर कार्रवाई की मांग
छात्र जाप के जिलाध्यक्ष राजकुमार यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के झांसी में फर्जी एनकाउंटर किया गया है. पुलिस ने एनकाउंटर में व्यवसायी पुष्पेंद्र यादव को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. उन्होंने कहा कि इस फर्जी इनकाउंटर में जितने भी दोषी पुलिसकर्मी हैं उनके ऊपर 302 का मुकदमा दर्ज कराया जाय. साथ ही इस घटना की सीबीआई जांच भी की जाए. उन्होंने कहा कि इस फर्जी इनकाउंटर में उत्तर प्रदेश पुलिस शामिल थी इसीलिए जांच पूरी निष्पक्षता से होनी चाहिए.

झांसी के पुष्पेंद्र यादव के फर्जी एनकाउंटर पर मचा बवाल

कौन था पुष्पेंद्र यादव
झांसी पुलिस के हाथों मारा गया पुष्पेंद्र यादव झांसी के करगुआं गांव का रहने वाला था. उसके पिता सीआईएसएफ में थे. पिता की आंखों की रौशनी चले जाने के बाद पुष्पेंद्र के बड़े भाई रवींद्र को उनकी जगह नौकरी मिल गई थी, जबकि पुष्पेंद्र का एक और भाई दिल्ली मेट्रो में नौकरी करता है. घरवालों के मुताबिक पुष्पेंद्र के पास दो ट्रक थे, जिनसे वो बालू और गिट्टी की ढुलाई का काम करता था.

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