टीएमबीयू कुलपति प्रो जवाहर लाल भागलपुरःतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल(TMBU Vice Chancellor Dr Jawahar La) के कार्यकाल में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला टीएनबी कॉलेज भागलपुर (TNB College Bhagalpur) में वरीयता को नजर अंदाज कर जूनियर शिक्षक को कॉलेज का प्राचार्य बनाये जाने को लेकर है. वीसी पर आरोप है कि वरीयतम शिक्षक डॉ. अर्चना साह के स्थान पर जूनियर शिक्षक डाॅ. एसएन पांडेय को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है. वीसी के इस निर्णय के खिलाफ शिक्षक संघ के पदाधिकारी और कई छात्र संघ लगातार विरोध (Protest In Bhagalpur Against TMBU Vice Chancellor Decision) कर रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को छात्र राजद की ओर से कुलपति प्रो. जवाहर लाल का अर्थी जुलूस निकाला गया.
ये भी पढ़ें-भागलपुर: छात्र जदयू ने प्रभारी कुलपति को हटाने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय में जड़ा ताला
"राजभवन का नियम है कि कॉलेज में वरीयता के आधार पर प्रभार दिया जाता है, लेकिन टीएनबी कॉलेज में कनीय प्रोफेसर को प्रभार दिया गया है. मांग है कि की वरीयतम शिक्षिका डॉ. अर्चना साह को प्राचार्य का प्रभार मिले. आज अर्थी जुलूस निकाला गया है. अगर प्राचार्य को हटाकर वरीयतम शिक्षक को प्रभार नहीं दिया गया तोछात्र राजद उग्र आन्दोलन करेगा."दिलीप कुमार, टीएमबीयू छात्र राजद अध्यक्ष
अंतिम संस्कार के साथ अर्थी जुलूस का समापनःछात्र राजद की ओर से टीएनबी कॉलेज से टीएमबीयू के प्रसाशनिक भवन तक अर्थी जुलूस निकाला गया. इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर से गुजरने वाले नाले के समीप अंतिम संस्कार भी किया. छात्र राजद ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सीनियर प्रोफेसर के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है.
डॉ.संजय चौधरी का कार्यकाल पूरा होने से साथ विवाद शुरूः5 नवंबर को निवर्तमान प्रभारी प्राचार्य डॉ. संजय चौधरी का कार्यकाल (Controversy On Appointment of Principal In TNB College) पूरा हो गया था. इसके बाद प्रभारी प्रचार्य के रूप में डॉ. एसएन पांडे की नियुक्त के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई थी. अधिसूचना पर आपत्ति जताते हुए प्रभारी प्राचार्य की दावेदारी करने वाली प्रो अर्चना साह ने कुलपति को एक आवेदन सौंप कर फैसले पर फिर से विचार कर नये सिरे से प्रभारी की नियुक्ति की मांग की. दिसंबर में वीसी को प्रो अर्चना साह की ओर से आवेदन पर कार्रवाई नहीं होता देख छात्र संगठनों की ओर से कुलपति के निर्णय के खिलाफ आंदोलन जारी है.