भागलपुर: बरारी टीओपी के पास एक मजदूर की बस से गिरने से मौत हो गई. मृतक बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के पजरा गोरगम्मा का रहने वाला सियाराम यादव है. मिली जानकारी के अनुसार 3 दिन पहले सियाराम यादव अपने अन्य साथी मजदूरों के साथ बस से दिल्ली से आ रहे थे. वह बस आरा में आकर रुक गई. वहां से जिला प्रशासन ने कोरोना जांच के बाद भागलपुर और बांका जिला के मजदूरों को एक दूसरी बस से भेज दिया.
आरा से आने के दौरान सोमवार को बस चालक और खलासी ने भागलपुर विक्रमशिला सेतु पार करते ही अप्रोच रोड पर बस को रोक दिया और इससे आगे बस नहीं जाने की बात कहते हुए सभी मजदूर को बस से उतार दिया.
बस से गिरने से मौत
मजदूरों के काफी समझाने के बाद बस चालक बांका जिला जाने के लिए तैयार हुआ. जिसके बाद बांका जिला के मजदूर बस पर चढ़ने लगे. इस दौरान वहां पर पैदल आ रहे कुछ दूसरे मजदूर भी बस पर सवार होने लगे. जिसकी वजह से चालक ने मजदूरों को चढ़ने के दौरान ही बस आगे बढ़ा दी. किसी तरह बस में सियाराम यादव गेट के पास जा लटके. जहां से किसी अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें धक्का दे दिया.
इसकी वजह से मजदूर अप्रोच रोड से रेलवे कॉलोनी की तरफ उतरने वाले कच्चे ढलान पर गिर गया. बस में बैठे कुछ अन्य साथी मजदूरों ने कुछ दूर आगे जाने के बाद बस को रुकवाया और स्थानीय लोगों की मदद से सियाराम यादव को इलाज के लिए मायागंज अस्पताल ले गए. जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई.
दिल्ली से आ रहे थे घर
मृतक के बेटे बृजेश यादव ने बताया कि उनके पिता दिल्ली से घर आ रहे थे. इसी दौरान बरारी पुल के पास बस से किसी ने धक्का दे दिया. बस में भागलपुर और बांका के मजदूर सवार थे. मेरे पिताजी को बांका जाना था. इसलिए बरारी पुल पर उतरने के बाद फिर से चढ़ गए. लेकिन उन्हें चढ़ने नहीं दिया गया और पीछे से धक्का दे दिया गया. इलाज के क्रम में उनकी मौत मायागंज अस्पताल में हो गई.
लॉक डाउन के कारण काम बंद
मृतक के बड़े भाई रामविलास यादव ने बताया कि वह भी बस में सवार थे. दिल्ली में दोनों साथ रहते थे. लॉक डाउन के कारण काम बंद हो गया था. महीने भर बैठकर खाने के बाद दोनों ने घर आने का सोचा. आरा में जिला प्रशासन ने भागलपुर और बांका के लिए अलग से एक बस दिया और उस बस में हम लोगों को भेज दिया गया. इसी दौरान वो बस से गिर गए और उनकी मौत हो गई.
सियाराम यादव अपने बड़े भाई के साथ जनवरी में ही दिल्ली कमाने गए थे. फरवरी में काम मिला भी था. लेकिन लॉक डाउन की वजह से काम बंद हो गया. मृतक के दो बेटे और दो बेटी है. दिल्ली में मजदूरी करके उन्होंने किसी तरह पैसे जुटाकर बड़ी बेटी की शादी की थी. वहीं उनके अन्य तीन बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं.